मोदी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में अब तक किसी भी पार्टी विधायक और उसका समर्थन करने वालों को लेकर इस तरह की प्रतिक्रिया पिछले साढ़े पांच साल में नहीं दी है। 1980 में बने भारतीय जनता पार्टी ( bjp ) के संविधान के मुताबिक यदि कोई भी सदस्य, पदाधिकारी या विधायक पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ जाकर कोई गतिविधि करता है तो उसे अधिकतम 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। अनुशासन समिति में संयोजक बाबूसिंह रघुवंशी, ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर व सतना के प्रभाकर सिंह शामिल हैं।
must read : भाजपा संगठन मंत्री बोले – मोदीजी को लेकर कोई एक शब्द नहीं बोलेगा, नहीं तो मुश्किल में आ जाओगे
क्या कहता है संविधान बाबूसिंह रघुवंशी के मुताबिक भाजपा संविधान की धारा-25 में अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और प्रक्रिया का उल्लेख है। इसकी उपधारा 6, 7, 8, 9, 10 में सुनवाई की प्रक्रिया और सजाओं का उल्लेख है। उन्होंने बताया, किसी भी मामले की शिकायत होने पर या प्रदेश अध्यक्ष स्वयं संज्ञान लेकर संबंधित व्यक्ति को शोकॉज नोटिस जारी करते हैं। नोटिस की एक प्रति अनुशासन समिति को दी जाती है।
क्या कहता है संविधान बाबूसिंह रघुवंशी के मुताबिक भाजपा संविधान की धारा-25 में अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और प्रक्रिया का उल्लेख है। इसकी उपधारा 6, 7, 8, 9, 10 में सुनवाई की प्रक्रिया और सजाओं का उल्लेख है। उन्होंने बताया, किसी भी मामले की शिकायत होने पर या प्रदेश अध्यक्ष स्वयं संज्ञान लेकर संबंधित व्यक्ति को शोकॉज नोटिस जारी करते हैं। नोटिस की एक प्रति अनुशासन समिति को दी जाती है।
must read : बैटकांड पर दिग्विजय के ट्वीट : मुझे नहीं लगता अमित शाह अपने मित्र कैलाश के बेटे का नुकसान होने देंगे नियमों के मुताबिक 15 दिन के भीतर जिसकी शिकायत हुई है उसे समिति के समक्ष उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करना होता है। इसके बाद सुनवाई की प्रक्रिया के तहत शिकायतकर्ता सहित प्रकरण से जुड़े सभी पक्षों के बयान और घटना से जुड़े सबूत लिए जाते हैं। प्रयास होता है नोटिस जारी होने के 2 महीने में सुनवाई पूरी हो जाए। इसके बाद कमेटी रिपोर्ट व अनुशंसा अध्यक्ष को सौंपती है।
अध्यक्ष को है सजा देने का अधिकार अनुशासन समिति अपनी अनुशंसा में सजा का भी उल्लेख करती है। प्रदेश अध्यक्ष चाहे तो सजा बढ़ा या घटा सकते हैं। संतुष्ट नहीं होने पर प्रकरण केंद्रीय अनुशासन समिति को भेजा जाता है। अनुशासनहीनता के स्तर के आधार पर कम से कम चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है और अधिकतम 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। पद से हटाने के अलावा सक्रीय सदस्यता भी वापस ली जा सकती है। अध्यक्ष अपने विवेक पर कुछ अन्य जिम्मेदारी देकर भी सजा दे सकते हैं।
must read : 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित हो सकते हैं आकाश आकाश मामले में अब तक नोटिस नहीं निगम अफसर को बल्ले से मारने के मामले में बुधवार शाम तक प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ( rakesh singh ) की तरफ से नोटिस जारी नहीं किया गया है। बाबू सिंह रघुवंशी ने बताया अभी तक नोटिस जारी नहीं हुआ। नोटिस की प्रति हमें मिलेगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मसले में किसे कितनी सजा होगी इस पर फिलहाल कुछ नहीं कह सकता। आकाश का स्वागत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी उन्होंने कहा, नोटिस जारी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।