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गृह निर्माण संस्था ने बेच दी थी प्रशासन ने मुक्त करवाई करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन

locationइंदौरPublished: Jan 06, 2020 11:20:50 am

Submitted by:

Mohit Panchal

कलेक्टर के आदेश पर एक दर्जन से अधिक कब्जे हटाए, संस्था ने फर्जी तरीके से प्लॉट काटकर दे दिए थे सदस्यों को

गृह निर्माण संस्था ने बेच दी थी प्रशासन ने मुक्त करवाई करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन

गृह निर्माण संस्था ने बेच दी थी प्रशासन ने मुक्त करवाई करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन

इंदौर। न्याय नगर हाउसिंग सोसायटी ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके अपने सदस्यों को प्लॉट आवंटित कर दिए थे। कुछ लोगों ने बाउंड्रीवॉल करवा ली थी तो कुछ ने गुमटियां तानकर कब्जा कर लिया था। आज प्रशासन ने ५ एकड़ जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया, जिसकी बाजार में करोड़ों रुपए की कीमत है।
आज सुबह रेडिसन चौराहे पर नगर निगम का अमला इकट्ठा हो गया था। एसडीएम सोहन कनाश के नेतृत्व में टीम एमआर ९ स्थित न्याय नगर पहुंची। यहां पर सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने तार फेंसिंग और बाउंड्री वॉल बना रखी थी तो कुछ लोगों ने गुमटी तान रखी थी। उन्हें हटाने की कार्रवाई की गई, जिसको लेकर कुछ लोगों की आपत्ति थी।
कहना था कि यह उनका प्लॉट है, जिसे उन्होंने संस्था से खरीदा है। इस पर कनाश ने साफ कर दिया कि जमीन सरकारी है। कार्रवाई के दौरान करीब ५ एकड़ सरकारी जमीन को कब्जों से मुक्त कराया गया जिसकी बाजार में करोड़ों रुपए कीमत है।
गौरतलब है कि माफिया मुहिम में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को शिकायत मिली थी कि न्याय नगर हाउसिंग सोसायटी ने अपनी जमीन के साथ में सरकारी जमीन पर भी अवैध रूप से प्लॉट काटकर बेच दिए हैं। यहां तक कि कब्जा भी सौंप दिया है। इसकी जांच कराई गई तो मामला सही निकला।
जाटव ने अवैध कब्जों को हटाकर सरकारी जमीन को मुक्त कराने के निर्देश दिए जिसके बाद कनाश ने आज कार्रवाई की। गौरतलब है कि प्रशासन अब अपनी जमीन का सीमांकन भी कराएगा ताकि ये खुलासा हो सके की उसकी हद कहां तक है और उस पर कौन-कौन ओर काबिज है जिन्हें हटाना है।
दो मकान भी सरकारी जमीन पर, नोटिस देकर तोड़ेंगे

गौरतलब है कि सरकारी जमीन पर दो मकान भी बने हुए थे। उस पर आज प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, जिन्हें अब नोटिस दिया जा रहा है। निर्धारित समय देने के बाद में प्रशासन उन्हें हटाने की कार्रवाई करेगा। सदस्यों ने संस्था से प्लॉट लेने के बाद तुरंत निर्माण कर लिया था।
उन्हें ये नहीं मालूम था कि संस्था ने सरकारी जमीन पर उन्हें प्लॉट आवंटित कर दिया। पिछले दिनों मुहिम के दौरान पुलिस ने संस्था के कर्ताधर्ता नितिन सिद्ध व अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया था।
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