scriptएमवायएच में दोबारा शुरू होंगे एडल्ट बोन मैरो ट्रांसप्लांट | Adult Bone Marrow Transplant Will start again in the MYH | Patrika News

एमवायएच में दोबारा शुरू होंगे एडल्ट बोन मैरो ट्रांसप्लांट

locationइंदौरPublished: Jul 26, 2019 02:38:57 pm

कल कैंप में मरीजों का चयन, हेमोटोलॉजी विभाग की ओपीडी भी होगी शुरू

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एमवायएच में दोबारा शुरू होंगे एडल्ट बोन मैरो ट्रांसप्लांट

इंदौर. एमवाय अस्पताल में वयस्क ब्लड कैंसर मरीजों के बोन मैरो ट्रांसप्लांट दोबारा शुरू हो रहे हैं। हेमोटोलॉजी विभाग की ओपीडी की शुरुआत भी हो रही है। 27 जून को यहां कैंप लगाकर कैंसर मरीजों के रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे। इसके बाद ट्रांसप्लांट प्रक्रिया शुरू होगी।

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गौरतलब है, 31 जनवरी 2018 में बीएमटी यूनिट शुरू हुई थी। पहले साल 13 में से 12 ट्रांसप्लांट सफल रहे। इनमें तीन सफल एडल्ट ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट गुडग़ांव के हेमोटोलॉजिस्ट डॉ. राहुल भार्गव ने किए थे। इसके बाद थैलेसीमिया पीडि़त सात बच्चों के ट्रांसप्लांट हुए। दोबारा वयस्क मरीजों के ट्रांसप्लांट शुरू करने के लिए एमजीएम डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने प्रयास शुरू किए हैं। कैंसर अस्पताल व एमजीएम मेडिकल कॉलेज मिलकर कैंसर मरीजों का रजिस्ट्रेशन शुरू करेंगे। एमवायएच की पहली मंजिल पर हेमोटोलॉजी विभाग की ओपीडी भी शुरू होगी। यहां शनिवार सुबह 10 से 1 बजे तक कैंप लगाकर ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों का चयन किया जाएगा।

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12 बच्चों के ट्रांसप्लांट के लिए मिली मदद

प्रदेश में एमवायएच ही एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट सुविधा है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए देश के प्राइवेट अस्पतालों में 15 से 20 लाख रु. खर्च आता है। रियायती दर पर इलाज के लिए मरीज टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई जाते हैं। अस्पताल में बीपीएल के साथ आम मरीजों को भी कम दाम में ब्लड कैंसर के इलाज की तैयारी है। इसमें कई संस्थाओं की मदद ले रहे हैं। इंदौर एयरपोर्ट प्रबंधन ने बच्चों के ट्रांसप्लांट के लिए 1 करोड़ रु. दिए थे। अब बीना रिफाइनरी ने 12 बच्चों के ट्रांसप्लांट का खर्च उठाने का जिम्मा लिया है।

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बीएमटी से ब्लड कैंसर की कई बीमारियों का इलाज संभव है। कैंसर अस्पताल में रजिस्ट्रेशन जारी है। कैंप में मरीजों की अंतिम सूची तैयार कर शासन से मदद मांगी जाएगी। एमजीएम डीन कार्यालय से संस्थाओं को भी सहयोग के लिए जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा मरीजों को कम से कम खर्च में इलाज मुहैया कराने की कोशिश है।

– डॉ. सुधीर कटारिया, नोडल अधिकारी, एडल्ट बीएमटी

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एयरपोर्ट प्रबंधन के बाद बीना रिफाइनरी से 12 बच्चों के ट्रांसप्लांट के लिए मदद मिली है। अब तक 20 बच्चों के ट्रांसप्लांट हुए हैं। हमारी कोशिश सालभर में 25 से ज्यादा बच्चों के ट्रांसप्लांट करने की है, यह लक्ष्य यह मदद मिलने से पाया जा सकेगा। यूनिट में व्यस्क मरीजों के ट्रांसप्लांट की भी पूरी व्यवस्था है।

– डॉ. बृजेश लाहोटी, प्रभारी, बीएमटी यूनिट

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