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एडवाइजरी कंपनी के जरिए निवेश करने से पहले करें इन बातों की जांच….

locationइंदौरPublished: Jul 18, 2019 01:35:44 pm

तेजी से फैल एडवाइजरी कंपनियों के ठगी का मकडज़ाल, रजिस्टर्ड से दोगुना कंपनियां कर रही काम, एसआइटी के पास आइ देशभर के ठगाए लोगों की 70 शिकायतें

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एडवाइजरी कंपनी के जरिए निवेश करने से पहले करें इन बातों की जांच….


प्रमोद मिश्रा
इंदौर।
एडवाइजरी कंपनियों को मुख्य काम शेयर निवेश को लेकर सलाह देना है लेकिन अब वह अपने बैंक खाते में राशि जमा करवाकर निवेश के नाम पर धोखाधड़ी पर उतर आई है। स्थिति यह है कि निवेश की सलाह के लिए सेबी से 128 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन लिया लेकिन शहर में चल रही 250 से ज्यादा। पुलिस ने एसआइटी बनाई तो देशभर से अभी तक 70 शिकायतें आ चुकी है, छापा अभी सिर्फ एक पर ही डाला जा सका। हालांकि इसके पहले भी अलग-अलग थानों में व्यक्तिगत शिकायत पर 12 केस दर्ज हो चुके है। पुलिस ने अब लोगों से आग्रह किया है कि अगर उन्हें किसी भी कंपनी पर शंका हो तो निवेश न करें, सेबी की वेबसाइड पर जाकर चेक करें कि कंपनी रजिस्टर्ड है या नहीं?
एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ सबसे पहले एसटीएफ और फिर साइबर सेल ने केस दर्ज किया जिसके बाद शिकायतों की एक तरह से बाढ़ सी आ गई। सबसे ज्यादा एडवाइजरी कंपनियां इस समय विजयनगर इलाके में चल रही है, सपना संगीता रोड व एमजी रोड पर भी कई कंपनियों का संचालन हो रहा है। अफसरों का कहना है, 2016 में इंदौर में एडवाइजरी कंपनियों ने पैर जमाना शुरू किया और इसके एक साल बाद इनके खिलाफ शिकायतें आना शुरू हो गई। पुलिस व अन्य एजेंसियों ने कुछ समय पहले सेबी से जानकारी मांगी तो पता चला कि इंदौर में 126 एडवाइजरी कंपनी रजिस्टर्ड है लेकिन चल रही 250 से ज्यादा है। अधिकांश कंपनियां ऐसी है जिन पर दूसरे राज्यों में धोखाधड़ी के केस दर्ज है, यहां कारण है कि वहां से भागकर यहां आ गए। यहीं से धोखाधड़ी का मकड़ जाल शुरू हुआ है। वर्ष 2019 में ही 12 कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग धोखाधड़ी के केस दर्ज हो चुके है।
बाजार से खरीदी डाटा, कॉल सेंटर खोलकर शुरू कर दी धोखाधड़ी
सेबी से रजिस्ट्रेशन के शुरुआती दौर में कंपनियां उन्हीं से निवेश के लिए संपर्क करती थी जिनके डिमेट अकाउंट है। इस तरह के लोगों की संख्या कम थी जबकि कंपनियों ने 200 से लेकर 300 सीटर कॉल सेंटर खोल लिए थे। यहां से लोगों को झांसे के काल किए जाते थे। इस कारण से कंपनियों ने बाजार से लोगों का डाटा खरीदना शुरू कर दिया।
अपना बनाकर करते है धोखाधड़ी
एसआईटी प्रभारी शैलेंद्रसिंह चौहान के मुताबिक, एडवाइजरी कंपनियों ने ज्यादातर युवतियों को काल करने के काम पर रखा है। कंपनियों ने लोगों को फंसाने के लिए उन्हें इमोशनल रूप अख्तियार किया। कई बार अंकल तो कई बार अन्य तरह के रिश्ते जोड़े जाते है। सीनियर सिटीजन ज्यादा निशाने पर होते है जो अपना रिटायरमेंट का पूरा पैसा कंपनी को थमा देते है। कई मामले तो पुलिस के सामने ऐसे भी आए जिसमें कर्मचारी ने अपने खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लिया और फिर नौकरी छोड़कर भाग गए। दक्षिण राज्यों के लोगों को ज्यादा फंसाया क्योकि वे कार्रवाई के लिए चक्कर नहीं लगवाते। कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलगांना के लोगों को ज्यादा ठगा। हालांकि बाद में दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर के लोग भी निशाना बने।
कंपनी के लिए यह है नियम
विशेषज्ञों के मुताबिक, एडवाइजरी कंपनी को सेबी से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कई नियम होते है लेकिन उसका पालन नहीं होता। एमबीए व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्रेशन होता है, शर्त होती है कि उन्हीं व्यक्तियों से निवेश कराया जाए जो घाटा सहन कर सके। आयकर रिटर्न से उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति देखना जरुरी है।
– कंपनी सिर्फ शेयर में निवेश की सलाह देकर अपना सर्विस चार्ज ले सकती है।
– कंपनी को डीओटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है, जिसमें काम करने का पूरा ले आउट प्लान भी देना होता है।
नियम दरकिनार कर शुरू किया धंधा
अभी तक जितनी कंपनियों पर कार्रवाई उससे पता चला कि सेबी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
– सिर्फ निवेश की सलाह देना होती है लेकिन कई कंपनियों अपने अकाउंट में व्यक्ति से पैसा ट्रांसफर कराकर ट्रेडिंग का दावा करती है और फिर लाखों का घाटा बता देती है जो गलत है।
– कंपनी का रजिस्ट्रेशन जिस नाम से हुआ उसके सामांतर दूसरी कंपनी अवैध रूप से बनाकर वहां से झांसा देना शुरू किया जाता है। निवेशक के नाम से डिमेट अकाउंट खोलने के बजाए खुद के नाम करवाते है पैसा ट्रांसफर।
– अन रजिस्टर्ड फर्म में काम शुरू करते है, डीओटी से किसी तरह का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते जिसके कारण नजर नहीं रखी जा सकती।

कई कंपनियों के खिलाफ आ रही शिकायतें, सभी पर कसेंगे लगाम
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक, हाल के समय में पुलिस जनसुनवाई में एडवाइजरी कंपनियों द्वारा फायदे का झांसा देकर धोखाधड़ी करने की शिकायतें बढ़ गई तो एसआइटी बनाई गई। एएसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के नेतृत्व में एसआइटी काम कर रही है। जांच चल रही है, धोखाधड़ी करने वाली सभी कंपनियों के खिलाफ लगाम कसने की तैयारी है।
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