सेबी से रजिस्ट्रेशन के शुरुआती दौर में कंपनियां उन्हीं से निवेश के लिए संपर्क करती थी जिनके डिमेट अकाउंट है। इस तरह के लोगों की संख्या कम थी जबकि कंपनियों ने 200 से लेकर 300 सीटर कॉल सेंटर खोल लिए थे। यहां से लोगों को झांसे के काल किए जाते थे। इस कारण से कंपनियों ने बाजार से लोगों का डाटा खरीदना शुरू कर दिया।
अपना बनाकर करते है धोखाधड़ी
एसआईटी प्रभारी शैलेंद्रसिंह चौहान के मुताबिक, एडवाइजरी कंपनियों ने ज्यादातर युवतियों को काल करने के काम पर रखा है। कंपनियों ने लोगों को फंसाने के लिए उन्हें इमोशनल रूप अख्तियार किया। कई बार अंकल तो कई बार अन्य तरह के रिश्ते जोड़े जाते है। सीनियर सिटीजन ज्यादा निशाने पर होते है जो अपना रिटायरमेंट का पूरा पैसा कंपनी को थमा देते है। कई मामले तो पुलिस के सामने ऐसे भी आए जिसमें कर्मचारी ने अपने खाते में पैसा ट्रांसफर करवा लिया और फिर नौकरी छोड़कर भाग गए। दक्षिण राज्यों के लोगों को ज्यादा फंसाया क्योकि वे कार्रवाई के लिए चक्कर नहीं लगवाते। कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलगांना के लोगों को ज्यादा ठगा। हालांकि बाद में दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर के लोग भी निशाना बने।
विशेषज्ञों के मुताबिक, एडवाइजरी कंपनी को सेबी से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कई नियम होते है लेकिन उसका पालन नहीं होता। एमबीए व्यक्ति के नाम से रजिस्ट्रेशन होता है, शर्त होती है कि उन्हीं व्यक्तियों से निवेश कराया जाए जो घाटा सहन कर सके। आयकर रिटर्न से उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति देखना जरुरी है।
– कंपनी सिर्फ शेयर में निवेश की सलाह देकर अपना सर्विस चार्ज ले सकती है।
– कंपनी को डीओटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है, जिसमें काम करने का पूरा ले आउट प्लान भी देना होता है।
अभी तक जितनी कंपनियों पर कार्रवाई उससे पता चला कि सेबी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
– सिर्फ निवेश की सलाह देना होती है लेकिन कई कंपनियों अपने अकाउंट में व्यक्ति से पैसा ट्रांसफर कराकर ट्रेडिंग का दावा करती है और फिर लाखों का घाटा बता देती है जो गलत है।
– कंपनी का रजिस्ट्रेशन जिस नाम से हुआ उसके सामांतर दूसरी कंपनी अवैध रूप से बनाकर वहां से झांसा देना शुरू किया जाता है। निवेशक के नाम से डिमेट अकाउंट खोलने के बजाए खुद के नाम करवाते है पैसा ट्रांसफर।
– अन रजिस्टर्ड फर्म में काम शुरू करते है, डीओटी से किसी तरह का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते जिसके कारण नजर नहीं रखी जा सकती।
कई कंपनियों के खिलाफ आ रही शिकायतें, सभी पर कसेंगे लगाम
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक, हाल के समय में पुलिस जनसुनवाई में एडवाइजरी कंपनियों द्वारा फायदे का झांसा देकर धोखाधड़ी करने की शिकायतें बढ़ गई तो एसआइटी बनाई गई। एएसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के नेतृत्व में एसआइटी काम कर रही है। जांच चल रही है, धोखाधड़ी करने वाली सभी कंपनियों के खिलाफ लगाम कसने की तैयारी है।