गौरतलब है कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 20 आरोपितों को मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य नयायिक मजिस्ट्रेट अमन भूरिया की कोर्ट में पेश किया था। यहां से कोर्ट ने 6 आरोपितों को 14 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा और बाकी 14 को 22 जुलाई तक जेल भेज दिया था। दरअसल मंगल सिटी मॉल स्थित ट्रेड इंडिया रिसर्च एंड एडवाइजरी कंपनी के खिलाफ जम्मू एंड कश्मीर में पदस्थ फौजी राजेंद्र सिंह निवासी साईं कला ने शिकायत की थी कि कंपनी ने निवेश के नाम पर उससे 23 लाख 66 हजार रुपए शेयर कारोबार में लगवाए, लेकिन उसे उसका कोई मुनाफा नहीं मिला।
उलटा अपने निवेश किए रुपए मांगने पर उसे कंपनी धमका रही है। शिकायत के बाद सोमवार को पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने कंपनी पर दबिश देकर उसके कर्ताधर्ताओं के खिलाफ भादवि की धारा 420,406,417, 468 और 474 के तहत साथ आईटी एक्ट की धारा 66-सी व बी के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
कंपनी के कर्मचारियों ने देशभर के 26 हजार लोगों को निवेश के लिए कॉल किए और एडवायजरी के नाम पर ग्राहक बनाया था। इसमें से 21 हजार लोगों को नुकसान होने पर उन्होंने कंपनी को पैसा देना बंद कर दिया था। जबकि 5 हजार लोग अब भी कंपनी के ग्राहक थे और कंपनी को पैसा दे रहे थे। कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी फेसबुक पर लड़कियों के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाते थे।
पुलिस ने इनको बनाया आरोपित मामले में पुलिस ने नेहा पति प्रद्युम्न गुप्ता, मंदार पिता श्यामकान्त कुलकर्णी, अशोक कुमार पिता बैद्यनाथ पटेल, अजय पिता अन्नपूर्णा प्रसाद तिवारी, संजय कुमार पिता चक्रधारी प्रजापति, अश्विन पिता राजेन्द्र पाल, विजेन्द्र सिंह पिता बलवन्त सिंह, मंगल पिता मोहनलाल राठौर, नवीन कुमार पिता अनिल कुमार, संदीप पिता जयराम बागड़ी, विक्रान्त पिता अशोक गुप्ता, सतीश पिता मथुरा प्रसाद जायसवाल, अविनाश पिता प्रेमलाल नागेश्वर, फामिद पिता
अय्युब खान, अमन पिता भरत भूषण मनचन्द्रा, तुषार पिता कृष्णकुमार द्विवेदी, शाहरुख पिता निशाद खां, सचेन्द्र पिता रामगोविन्द बरुआ, शिवेन्द्र कुमार पिता रोशनलाल पाठक, धीरेन्द्र पिता दीनबन्धु शुक्ला, अनीष पिता अनिल कुमार जैन, रिया उर्फ रुचिका गौतम, सुनिल परिहार, प्रतीक कश्यप और बलविंदर कौर। खास बात रही कि पुलिस ने उन लोगों को आरोपित जरूर बनाया जो सैनिक के साथ शुरू से आखिरी तक धोखाधड़ी में लगे रहे।