झांसेबाज कंपनियों का गढ़ बन गया इंदौर, सपने दिखाकर लाखों की लूटी
सलाह की जिम्मेदारी लेकिन अपने खाते में राशि डलवाकर कर जाते है हजम, बाहरी राज्यों के लोगों पर ज्यादा निशाना

प्रमोद मिश्रा
इंदौर। आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला इंदौर शहर ठगी करने वाली एडवाइजरी कंपनियों का गढ़ बनता जा रहा है। पुलिस के पास आ रही शिकायतों से पता चला कि शहर में कई कंपनिया सेबी से पंजीयन के बिना अवैध रूप से चल रही है, कई मामले ऐसे भी है जिसमें एक कंपनी का पंजीयन करने के बाद संचालक ने दो अन्य कंपनियां शुरू कर दी। इन कंपनियों के द्वारा शहर के लोगों के बजाए बाहरी राज्यों के लोगों के नंबर हासिल कर उन्हें ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है ताकि वे राशि वापस लेने के लिए ज्यादा शिकायत न कर सके।
पुलिस ने पहले एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो कई कंपनियों ने यहां से अपना कामकाज समेटकर अहमदाबाद शिफ्ट कर लिया लेकिन पिछले दो महीने से फिर शहर में सक्रिय हो गई है। पुलिस की हेल्पलाइन में आइ शिकायतों में अभी तक करीब 235 कंपनियों के नाम से ठगी की शिकायतें आ गई है जबकि सेबी से क्राइम ब्रांच ने जानकारी ली तो पता चला कि वह 158 कंपनियां ही पंजीकृत है। सभी कंपनियों ने शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह देने के लिए सेबी में रजिस्ट्रेशन कराया है लेकिन यह लोगों से लाखों की राशि निवेश के नाम पर अपने व्यक्तिगत खाते में डलवाते है और फिर हाथ खड़े कर देते है। अभी तक की जांच से यह बात भी सामने आई है कि इन कंपनियों ने अपने निशाने पर दिल्ली, हरियाणा,पंजाब, नागालैंड, त्रिपुरा आदि राज्यों के लोगों को ले रखा है। कंपनी की ओर से युवतियों को निवेश का काम सौंपा जाता है जो बातों में उलझाकर व राशि दोगुना करने का झांसा देकर राशि खाते में डलवाती है। यह बात भी सामने आई है कि कंपनियां रिटायर्ड लोगों को ज्यादा निशाना बनाती है। बाहरी लोग व रिटायर्ड लोगो को निशाना बनाने का उद्देश्य होता है कि वे शिकायत नहीं करते और पैसों के लिए चक्कर नहीं लगा पाते है।
सेबी के पास आई 6800 शिकायतें, 20 को ही किया ब्लैक लिस्टेड
एडवाइजरी कंपनियों की ठगी की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के सामने सेबी की लापरवाही भी आई है। नियमानुसार किसी भी कंपनी को काम करना है तो एडवाइजरी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होता है। बाहरी लोग ठगाते है तो ऑनलाइन सेबी को ही शिकायत करते है लेकिन सेबी सीधे कोई कार्रवाई नहीं करत जिसके कारण ठगी की शिकायतें लगातार बढ़ता जाती है। एएसपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, सेबी से पता चला कि वह इंदौर की कंपनियों के खिलाफ 6800 ठगी की शिकायतें मिली है। यह बात सामने आइ कि देशभर में मिलने वाली सैबी की कुल शिकायतों में से करीब 85 प्रतिशत इंदौर की कंपनियों की है। करीब 20 कंपनियां ऐसी थी जिनके खिलाफ 150 से 200 शिकायतें थी। इन लोगों के पैसे निवेश के नाम पर ठगे गए और बाद में कंपनी ने अपना ऑफिस भी बंद कर दिया। सेबी ने इतनी शिकायतों में 20 कंपनियों को ही ब्लैक लिस्ट किया।
कंपनी ब्लैक लिस्ट हुई तो नाम बदलकर शुरू कर दिया काम
विजयनगर इलाके में रहने वाले अग्रवाल दंपती की कंपनी की अलग ठगी सामने आई है। पुलिस ने पिछले दिनों इनकी कंपनी पर छापा मारा तो संचालक दंपती फरार हो गए थे। छानबीन करने पर पता चला कि पहले अग्रवाल दंपती की कंपनी अहमदाबाद में काम करती थी। वहां लोगों से लाखों की ठगी करने पर ब्लेक लिस्टेड किया तो इंदौर आकर दूसरी कंपनी के नाम से कारोबार शुरू कर दिया। करीब 70 लाख रुपए इनके नाम से जमा हुए थे जो सभी धोखाधड़ी कर जमा किए गए थे।
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