हाई कोर्ट में जस्टिस वेदप्रकाश शर्मा की एकल पीठ में मुंबई से आए दो वकीलों ने स्टेट बार की परमिशन से अपने मुकदमे में पैरवी की। उनकी उपस्थिति पर बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने आपत्ति ली। इस पर कोर्ट ने स्टेट बार से परमिशन लेने के बाद पैरवी करने की बात की। सचिव मनीष यादव ने बताया, लिखित अनुमति के बाद दोनों वकीलों ने पैरवी। हाई कोर्ट के अलावा जिला एवं अन्य अधीनस्थ कोर्टों में भी सभी वकील न्यायालयीन कार्य से विरत रहे।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष दिनेश पांडे और सचिव गोपाल कचोलिया के नेतृत्व में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नाम ज्ञापन सौंपा गया। वकीलों की हड़ताल से इंदौर में ही करीब 5 हजार प्रकरणों की सुनवाई आगे बढ़ गई। स्टेट बार एसोसिएशन के सदस्य विवेकसिंह और सुनील गुप्ता ने बताया, सरकार द्वारा वकीलों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करने के विरोध में प्रतिवाद दिवस के रूप में मनाया गया। 7 दिसंबर को भोपाल के एडवोकेट अशोक विश्वकर्मा से क्षेत्र के गुंडों ने जमकर मारपीट की थी। उनके सिर में गभीर चोट भी आई। इसके अलाव रीवा में जिला कोर्ट शिफ्ट करने के विरोध में वहां के वकील चार महीने से हड़ताल पर हैं। मप्र हाई कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। इन तीनों मुद्दों को लेकर प्रदेश के करीब 90 हजार वकील हड़ताल पर रहे।