scriptVIDEO : 50 साल बाद सरवटे बस स्टैंड बंद, अब यात्रियों को यहां से मिलेगी बसें | AFTER 50 YEAR CLOSED THE SARVATE BUS STAND | Patrika News

VIDEO : 50 साल बाद सरवटे बस स्टैंड बंद, अब यात्रियों को यहां से मिलेगी बसें

locationइंदौरPublished: Apr 25, 2019 02:03:39 pm

50 साल बाद सरवटे बस स्टैंड बंद, अब यात्रियों को यहां से मिलेगी बसें

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VIDEO : 50 साल बाद सरवटे बस स्टैंड बंद, अब यात्रियों को यहां से मिलेगी बसें

इंदौर. आखिरकार 50 साल बाद देशभर में पहचाना जाने वाला सरवटे बस स्टैंड आज बंद हो गया। यहां से चलने वाली सारी बसों को रवाना कर दिया गया है। ये बसें अब चार जगहों से संचालित की जाएंगी। इसके लिए सुबह से ही सरकारी महकमा बस स्टैंड पर जुट गया था। स्टैंड खाली कराने के दौरान किसी भी तरह का विवाद नहीं हुआ। बसों की नो इंट्री के लिए स्टैंड के जहां गेट बंद कर दिए गए, वहीं पहली बार बसों का संचालन बंद हुआ है।
आज सुबह 8 बजे से नगर निगम की टीम सरवटे बस स्टैंड पर पहुंचना शुरू हो गई थी। कुछ ही देर बाद भारी भरकम पुलिस का बल इकट्ठा हो गया था। निगम ने चार दिन पहले ही मुनादी करा थी कि 25 अप्रैल से सरवटे बस स्टैंड से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। यहां से चलने वाली बसों का संचालन बंद करने के लिए गेट बंद करके नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया गया। इसके साथ ही स्टैंड के अंदर खड़ी बसों को शहर में चार जगह से संचालित करने के लिए रवाना किया जाने लगा। सरवटे से चलने वाली बसों के लिए निगम ने नौलखा, तीन इमली, राजकुमार ब्रिज के पास और गंगवाल बस स्टैंड पर वैकल्पिक व्यवस्था की है। यहां पर यात्रियों को परेशानी नहीं हो इसके लिए पानी से लेकर छांव की व्यवस्था निगम ने की है। सरवटे बस स्टैंड को खाली कराने के लिए आयुक्त आशीष सिंह के निर्देश पर निगम अपर आयुक्त संदीप सोनी, स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा के साथ ट्रैफिक डीएसपी बंसत कौल और भारी पुलिस बल पहुंचा था। इन्होंने बसों को स्टैंड से बाहर किया और वैकल्पिक स्थानों पर भेजा।
बना था सन् 1969 में

वर्ष 1969 में बने सरवटे बस स्टैंड के भवन को मई 2018 में धराशायी कर दिया गया था। जिला प्रशासन और निगम की टीम ने मिलकर इंदौर की पहचान रहे बस स्टैंड की इमारत को ध्वस्त किया। पुरानी और जर्जर होने के कारण इमारत को तोड़ा गया। सरवटे बस स्टैंड से देश के कई बड़े शहरों के लिए बसोंं का संचालन होता आ रहा है। इमारत तोडऩे के बाद निगम ने अस्थायी टीन शेड बनाकर टिकट काउंटर, पूछताछ केंद्र, टिकट आरक्षण व अमानती सामान घर बनाया था। साथ ही यात्रियों के लिए अस्थायी दुकानें भी बनाई ताकि उन्हें खाने-पीने के साथ अन्य जरूरत का सामान मिल सकें। सालभर बाद सरवटे बस स्टैंड की नई इमारत खड़ी करने की प्लानिंग निगम ने कागज से धराताल पर उतारी और आज 50 साल बाद बस स्टैंड को पूरी तरह से खाली कर दिया।
बाहर से चल रही थी बसें

निगम ने आज सुबह ६ बजे से सरवटे पर बसों का संचालन बंद होने की मुनादी कराई थी, लेकिन निगम अफसरों के सुबह 8 बजे पहुंचने के पहले तक स्टैंड से बसों का संचालन होता रहा। स्टैंड के अंदर और बाहर से बसें चल रही थीं। जैसे ही निगम अफसर के साथ टीम और पुलिस पहुंची, वैसे ही बसों को स्टैंड से बाहर कर संचालन बंद कराया गया। साथ ही बसों को वैकल्पिक स्थानों पर भेजा गया।
सुबह 5 बजे तक होती रही व्यवस्था

सरवटे से चलने वाली बसों के लिए शहर में जहां पर वैकल्पिक बस स्टैंड बनाए गए हैं वहां पर बसों का और यात्रियों का लोड बढऩे पर व्यवस्था करने में निगम यातायात एवं परिवहन विभाग के सहायक यंत्री पीसी जैन के साथ अमला लगा रहा। वैकल्पिक बस स्टैंड नौलखा, तीन इमली, गंगवाल और राजकुमार ब्रिज में से नौलखा के साथ तीन इमली पर सुबह 5 बजे तक काम चलता रहा ताकि यात्रियों को कोई परेशान नहीं हो।
15 माह में काम पूरा करने का दावा

सरवटे पर नया बस स्टैंड तकरीबन 9 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बनेगा। निगम ने 15 माह में काम पूरा करने का समय तय किया है। दरअसल पिछले 10 महिने से बस स्टैंड का भवन टूटा पड़ा है और खुले आसमान और टीन शेड में बस स्टैंड संचालित हो रहा है। नए बस स्टैंड की ड्राइंग डिजाइन फायनल होने के बाद निगम ने टेंडर जारी किए हैं। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को सुविधा और राहत मिलेगी।
ऐसा होगा नया स्टैंड

निगम अफसरों के अनुसार नया बस स्टैंड पांच मंजिला होगा। बेसमेंट में पार्किंग, ग्राउंड पर बसें और ऊपर की चार मंजिलों पर यात्रियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था होगी। निर्माण के दौरान स्थिति को देखते हुए प्लानिंग बदली भी जा सकती है।
इन शहरों के लिए चलती हैं बसें

सरवटे बस स्टैंड से रोजाना तकरीबन 600 बसों का संचालन होता है। इनमें भोपाल, सागर, छतरपुर, सतना, रीवा, टीकमगढ़, होशंगाबाद, इटारसी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, जबलपुर, बैतूल, मुलताई व नागपुर की बसें शामिल हैं। इंदौर-खंडवा होते हुए बुरहानपुर, अकोला, शिर्डी, अमरावती, जालना भी बसें जाती हैं। एबी रोड पर धामनोद होते हुए मनावर, अलीराजपुर, खरगोन, सेंधवा, बड़वानी, धार, धुलिया, नासिक तक बसों का संचालन होता है। उज्जैन, देवास, शाजापुर, मक्सी और सारंगपुर के लिए भी बसें चलती हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात के अलग-अलग शहरों के लिए भी बसें चलती हैं जो कि अब वैकल्पिक स्थानों से चलेंगी।
तीन स्थानों पर भेजी बसें

ट्रैफिक पुलिस का अमला सुबह सात बजे से ही सरवटे बस स्टैंड पर पहुंच गया था। वहां पर पहुंचने वाले यात्रियों के साथ ही बस संचालकों को भी दूसरे तय स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया था। डीएसपी बसंत कौल ने बताया कि तीन स्थान तय किए गए हैं। इनमें एक राजकुमार मंडी के पास है। उज्जैन जाने वाली बसें इस ओर से रवाना की जा रही हैं। वहीं खंडवा, खरगोन की ओर जाने वाली बसों को नौलखा बस स्टैंड पर भेजा गया है। इसके अलावा भोपाल और दूसरे लंबे रूट की बसों को तीन इमली बस स्टैंड से चलाया जाएगा। सुबह बस संचालकों को इस आदेश के बारे में बताया गया और सरवटे बस स्टैंड खाली करा लिया गया। इस ओर आने वाली बसों को भी डायवर्ट किया जा रहा है ताकि उन्हें सरवटे बस स्टैंड पर आकर वापस लौटना न पड़े।

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