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जज भी देखने पहुंचे  ‘हिंगोट युद्ध’ फिर आसमान से बरसी आग …

locationइंदौरPublished: Nov 01, 2016 04:51:00 pm

Submitted by:

Kamal Singh

माथे पर साफा, तिलक और झोले में हिंगोट लेकर ये मैदान में उतरते हैं।

after diwali festival amazing tradition hingot war

after diwali festival amazing tradition hingot war at depalpur


इंदौर। इंदौर से 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को दो गांवो के योद्धाओं के बीच जमकर अग्निबाण (हिंगोट) चले।

इसमें 70 से अधिक लोग घायल हो गए जिनमें से दो गंभीर होकर एमवाय अस्प्ताल पहुंचे। मामूल घायलों को वहीं मौजुद एंबुलेंस से इलाज दिया गया तथा ज्यादा घायलों को आसपास के अस्पतालों में भेजा गया। दरअसल यहां परंपरा निभाने के लिए सालों से दो गांव गौतमपुरा और रूणजी के ग्रामीण आमने सामने होते हैं। इस युद्ध मैदान पर आने से पहले बकायदा इनका सैनिकों की तरह सम्मान होता है जैसे वह सीमा पर जंग लडऩे जा रहे हों। माथे पर साफा, तिलक और झोले में हिंगोट लेकर ये मैदान में उतरते हैं। 


 
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कई गांवो, शहर से पहुंचते हैं लोग
हिंगोट युद्ध को देखने के लिए कई गांवो, शहरों से लेाग पहुंचते हैं। दोनो सेनाओं के सैनिक भी इसके लिए एक माह पहले से तैयरियों में जुट जाते हैं। इसके लिए हिंगोट जो एक फल परवल की तरह होता है उसे तोड़कर इक_ा किया जाता है। इसका उपरी कवर नारियल की तरह कठोर होता है तथा अंदर गुदा नरम रहता है जिसे नकालकर बारूद भरा जाता है। यह सिर्फ गौतमपुरा और इसके आसपास ही मिलते हैं।



मंजर किसी ऐतिहासिक युद्ध से कम नहीं
खासबात है की दोनों गांवो की सेनाओं के सैनिक(ग्रामीण) साल के 364 दिन एक साथ रहते हैं, उठते बैठते हैं तथा कई के आपस में संबंध भी हैं। लेकिन सालों पुरानी परंपरा को निभाने के लिए कुछ घंटो के लिए यह साल में एक दिन आमने सामने होते हैं। एक दूसरे पर अग्निबाण फेंकते हैं। यह मंजर किसी ऐतिहासिक युद्ध से कम दिखाई नहीं देता।

कोर्ट से जज भी पहुंचे
जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल ने बताया कि हिंगोट युद्ध पर प्रतिबंध के लिए कोर्ट में याचिका दायर है, लेकिन यह परंपरा है इसलिए इसे बंद नहीं किया जा सकता। इसके चलते कल कोर्ट से जज भी यह युद्ध देखने पहुंचे थे। खेलभावना से होने वाला यह युद्ध ग्रामीणों के लिए सिर्फ परंपरा है। मोतीसिंह का कहना है कि हम इस खेल के लिए मैदान की मांग कर रहे हैं ताकि साल में एक बार यह खेल हो इसके अलावा भी अलग अलग खेल आयोजित कर सकें।

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