1000-500 की नोटबंदी के बावजूद सोना कारोबार में पिछले दरवाजे से ये नोट धड़ल्ले से खपाए जा रहे हैं। छोटी सिल्लक और पुराने नोटों से प्रति 10 ग्राम मिलने वाले सोने के बाजार में दो भाव हैं।
इंदौर. 1000-500 की नोटबंदी के बावजूद सोना कारोबार में पिछले दरवाजे से ये नोट धड़ल्ले से खपाए जा रहे हैं। छोटी सिल्लक और पुराने नोटों से प्रति 10 ग्राम मिलने वाले सोने के बाजार में दो भाव हैं।
एक नंबर में सोना 32 हजार तो दो नंबर में 42 से 44 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम बिक रहा है। ज्वेलर्स बुलियन (ठोस सोना-चांदी) खरीदने की तैयारी में हैं। चूंकि, वे इस सेल को नंबर एक में ही दिखाएंगे, इसलिए करदेयता के साथ उन पर कोई देनदारी नहीं आएगी। सोमवार को ‘पत्रिका’ ने कई ज्वेलर्स को टटोला तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए।
यह भी पढ़ें- #Blackmoney बचाने में जुटे इंदौरी, लोगों ने रातों रात लिया चौंकाने वाला फैसलाकैडबरी, बिस्किट खत्म, थमा रहे ज्वेलरीकैडबरी और बिस्किट की आपूर्ति कम होने से ज्वेलर्स कच्चा सोना या गलाया सोना भी बेच रहे हैं। टेस्टिंग शॉप से टंच यह सोना बाजार में रोटेट हो रहा है। कइयों को ज्वेलरी थमाई जा रही है। एक्साइज ड्यूटी भी ग्राहकों से वसूली जा रही है।
मामला 01 – बिस्किट नहीं है, ज्वेलरी ले लो500 और 1000 के नोट हैं, क्या बदले में सोना मिल जाएगा?हां, मिल जाएगा।
रेट क्या हैं?पुरानी करंसी पर रेट 42 से 44 हजार प्रति तोला, जबकि नई करंसी में 31 से 32 हजार में मिल जाएगा।
बिस्किट मिल जाएगा?नहीं, कैडबरी और बिस्किट की शॉर्टेज है, ज्वेलरी मिल जाएगी।
- -and-pakistan-prime-minister-1380557/”>कांग्रेस ने क्यों कहा, मोदी पाकिस्तान के मुखिया को दूसरी पैंट देने या सुखाने ना पहुंच जाए…
मामला 02 – करंसी नई है या पुरानीसोने का क्या रेट है?1000 और 500 के पुराने नोट हैं।
पुराने नोट हैं?इसमें 44 से 46 हजार प्रति तोला मिलेगा, नई करंसी में 32 हजार का रेट है।
क्या सोना खरीद भी रहे हैं?हां, खासकर जिनके यहां शादी है, उन्हें नई करंसी चाहिए तो 32 हजार का रेट मिलेगा और पुरानी में 44 से 46 हजार का रेट दे रहे हैं। बाजार 90 फीसद बेकार हो गया है।
बैक डेट में कर ली बुकिंग, अब डिलीवरी देना शेष8 नवंबर को नोटबंदी के बाद कई रईस काली कमाई को सफेद करने के लिए इंदौर के अलग-अलग ज्वेलर्स के यहां पहुंचे। आयकर सूत्रों के मुताबिक ज्वेलर्स ने ज्यादातर बुकिंग बैक डेट में की है और अधिकांश सिंगल बिल काटे हैं। चूंकि 2 लाख की खरीदी पर एक फीसद टीसीएस कटता है और पैन नंबर देना पड़ता है।
इससे खरीदी एनुअल इंफार्मेशन रिटर्न (एआईआर) में आ जाती है, इसलिए अधिकतर ने 2 लाख से कम की सोना खरीदी अलग-अलग पारिवारिक सदस्यों के नाम से की। सोना खरीदी के नाम पर लोगों ने बुकिंग कर दी, जिन्हें डिलीवरी देना शेष है।
45 हजार में बिक्री, 30 से 32 हजार का बिलसूत्रों की मानें तो जो ज्वेलर्स इस कृत्य में लिप्त हैं, वे इस बिक्री को नंबर एक में दिखाएंगे और अपने व्यवसाय विस्तार के लिहाज से ज्वेलरी बनाने के लिए और बुलियन खरीदेंगे। व्यापारी नंबर एक में ही वैट, सेंट्रल एक्साइज चुकाएंगे। ज्वेलर्स मार्केट रेट पर ही बिल काट रहे हैं। उन्होंने प्रति तोला सोने की बिक्री 45 हजार रुपए में की, लेकिन बिल 30 से 32 हजार रुपए प्रति तोला के हिसाब से काटा गया।