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डॉ. आंबेडकरनगर(महू). विद्युत वितरण कंपनी की ओर से शहरभर में स्मार्ट मीटर लगाने का कम बीते डेढ़ माह से जारी है। हालांकि मीटर बदलने के बाद जारी होने वाले बिलों में त्रुटियां भी सामने आ रही है। ऐसे भी उपभोक्ता हैं, उनका १०० से १५० रूपए का बिल आता है लेकिन इस बार अचानक ४ लाख से अधिक का बिल उनके दरवाजे पर पहुंच गए, जिसे देखकर उपभोक्ता की परेशानी भी बढ़ गई।
शहर में करीब १४ हजार स्मार्ट मीटर लगना है। और यह कार्य निरंतर जारी है। उपभोक्ताओं का भी मानना है कि स्मार्ट मीटर में कोई दिक्कत नहीं, उसमें तो वास्तविक यूनिट दर्शायी जा रही है। लेकिन हाल ही में बीच महीन में मीटर बदलाने के बाद अब बिल जारी करने में विविकं की गलतियां सामने आ रही हैं। संस्था उपभोक्ता हित प्रहरी के संजय अग्रवाल ने बताया स्मार्ट मीटर में कोई दिक्कत नहीं हैं। लेकिन बिलिंग जानबूझ कर बढ़ाकर दी गई। शहरभर में ऐसे सैकड़ों उपभोक्ताओं को अत्यधिक राशि के बिल जारी किए हैं इसलिए इसे मानवीय त्रुटि नहीं माना जा सकता। ये स्थिति उन्हीं उपभोक्ताओं के बिलों में सामने आ रही हैं, जिनके हाल ही में स्मार्ट मीटर बदले गए। क्योंकि पुराने व नए मीटर के बीच रीडिंग की गफलत में उपभोक्त उलझेगा व उसे समझ ही नहीं आएगा कि वास्तव में रीडिंग कितनी थी। उधर, विविकं के अफसरों का मानना है कि पुराने मीटर बदलने की प्रक्रिया जारी है और इस बीच तकनीकी व मानवीय त्रुटि हो सकती है लेकिन आगे जब स्मार्ट मीटर से ही पूरी रीडिंग ऑनलाइन ली जाएगी तो त्रुटि की संभावनाएं ना के बराबर रहेंगी।
प्रिंट मिस्टेक के कारण हुई त्रुटि
विविकं सब इंजीनियर सुभाष मिश्रा जिस उपभोक्त का चार लाख का बिल आया है, वह प्रिंट मिस्टेक के कारण हुआ व शिकायत पर सुधार की जानकारी भी दे दी थी। गर्मी में बिजली की खपत भी काफी बढ़ी है। हालांकि मानवीय भूल के कारण बिलिंग में कहीं कोई दिक्कतें हैं तो हम उसे कार्यालय में सुधार भी रहे हैं। पुराने मीटर निकालने के दौरान उसकी रीडिंग नए मीटर पर लिखी ही इसलिए जा रही है कि पारदर्शीता बनी रहे व कोई भी गलती होने पर रीडिंग का उससे मिलान किया जा सके।
फोटो-१८०४: स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जारी है।