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2022 तक किसान की आय होगी दोगुनी, हर जिले में दो गांव का किया चयन, देश के 1400 गांव शामिल

locationइंदौरPublished: Aug 26, 2019 11:43:09 am

कैचवर्ड : जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती

2022 तक किसान की आय होगी दोगुनी, हर जिले में दो गांव का किया चयन, देश के 1400 गांव शामिल

2022 तक किसान की आय होगी दोगुनी, हर जिले में दो गांव का किया चयन, देश के 1400 गांव शामिल

इंदौर. सरकार साल 2022 तक हर किसान की आय दोगुना करने पर काम कर रही है। इसके लिए हर राज्य को स्ट्रेटेजी बनाकर दी गई है। हर जिले में दो गांव लिए गए हैं। हम खुद उन गांवों में किसानों की आय दोगुनी कर बताएंगे। इसके लिए कृषि वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय काम कर रहे हैं। देश में 1400 गांव को शामिल किया गया है। इसमें पशुपालन, बागवानी फसलें, मस्त्यपालन सभी होंगे। किसानों को बाजार से जोडऩा होगा, लागत कम करना होगी, किसान की अभी आय क्या है, दो साल पहले क्या थी, कैसे दोगुनी होगी शामिल है।
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यह बात रविवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के महानिदेशक त्रिलोकचंद महापात्रा ने पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा, हमारे लिए परिर्वतन जलवायु बड़ी चुनौती है। हम टिकाऊ किस्म की फसलों पर शोध कर रहे हैं। रवींद्र नाट्यगृह में गेहंू और जौ की फसलों पर वर्कशॉप चल रही है। इसमें इन पर शोध, उपलब्धि और चुनौतियों से सामना करने पर चर्चा हुई। वर्कशॉप में 20 राज्यों के 300 से अधिक शोधकर्ता शामिल हुए। उन्होंने कहा, 1960 में हरित क्रांति के दौरान हमारी उत्पादकता प्रति हेक्टेयर एक टन से कम थी। अब देश की औसतन उत्पादकता 3.5 टन प्रति हेक्टेयर पहुंची है। गेहंू उत्पादन बढक़र 30 मिलियन हेक्टेयर पहुंचा है। आज उत्पादन 102 मिलियन टन पार कर लिया है। इसमें किसान मित्रों का परिश्रम शामिल है।
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सरकार के नीति-नियम, एमएसपी बढऩे, विदेशी संस्थानों व राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों को साथ लेकर किए गए शोध से उत्पादकता बढ़ी है। तीन साल में दलहन क्रांति हुई। चीनी उत्पादन में भी क्रांति की है। आज 30-32 मिलियन टन पर पहुंच चुके हैं, जबकि हमें 25 मिलियन टन की जरूरत है। मैक्सिको से पहले हरित क्रांति के लिए जमप्लाजम लाए थे। अभी भी इनके साथ मिलकर काम करते हैं। दूसरे संस्थान रिकाडा के साथ मिलकर काम करते हैं, उनसे भी जमप्लाजा लेते हैं। बीज उत्पादन, सही क्वालिटी का बीज कैसे किसानों के पास पहुंचे इन पर भी चर्चा होगी।
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बिस्किट व पोषण की क्वालिटी पर जोर

उन्होंने कहा, गेहंू में हम एेसी किस्म भी ला रहे हैं, जिसमें बहुत अधिक सेहत संबंधित गुणवत्ता हो। इनमें आयरन, जिंक की मात्रा बढ़ाई जा रही है। एक-दो किस्म लाए भी हैं, जिसमें पास्ता मेकिंग क्वालिटी है। बिस्किट मेकिंग क्वालिटी में ज्यादा किस्म नहीं थीं। बिस्किट के लिए ग्लोबल मार्केट है।
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