इन शिविरों में वैक्सीनेशन के लिए आवारा कुत्तों को गली-मोहल्लों में से पकड़कर लाने की अपील पशु प्रेमी और आम लोगों से की गई है,ताकि कुत्तों का वैक्सीनेशन हो सकें और शहर को पूर्णत: रेबीज मुक्त करने में जनता का सहयोग मिल सकें। निगम ने लोगों से यह अजब-गजब अपील तो कर दी, लेकिन शायद यह भूल गई कि कुत्ते को देखकर और उनके भौंकने के साथ लपकने पर कई लोग डर के मारे भाग जाते हैं। अब ऐसे में लोग कैसे कुत्तों को पकड़कर शिविर में लाएंगे? निगम को चाहिए कि अपना काम खुद करें और जनता को इससे मुक्त रहे, क्योंकि कुत्ते पकडऩे के दौरान अगर वह काट खाया तो बाद में होने वाली मुसीबत से मुक्ति इंजेक्शन लगने के बाद ही मिलेगी। शिविर में आवारा के बजाय लोग पालतू कुत्ते को आसानी से ले जा सकते हैं। हालांकि कुत्तों को पकड़कर नसबंदी करने का काम निगम कर रही है। इसके लिए शहर में अभियान चल रहा है।