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राजपूत समाज में एकल विवाह बंद, सामूहिक विवाह में करना होगी शादी

locationइंदौरPublished: Apr 17, 2018 11:11:36 am

Submitted by:

Mohit Panchal

अखिल भारतीय सूर्यवंशी राजपूत समाज कराता है आयोजन, ९३ जोड़े एक साथ लेंगे फेरे

samohik vivah
इंदौर। समाज में एकता और एकरूपता लाने के लिए अखिल भारतीय सूर्यवंशी राजपूत समाज ने कुछ सालों पहले सामूहिक विवाह की एक पहल की थी जो अब अनिवार्य हो गई। ऊंचे-नीचे, अमीर-गरीब का भेद मिटाते हुए एक ही पंडाल में दूल्हों की बारात आती है। इस साल ९३ जोड़े एक साथ फेरे लेंगे।
ये आयोजन होटल मशाल के समीप गांव पानदा में होता है। एक दशक से अधिक से समाज सामूहिक विवाह का आयोजन करता आ रहा है। समाज में ऐसी अलख जगी कि सभी दूल्हों की बारात वहीं पहुंचती है। चाहे परिवार कितना भी पैसे वाला हो। सारे दूल्हे और दुल्हनें एक जैसी परिधान में रहते हैं। शहर क्षेत्र के कुछ परिवारों छोड़ दिया जाए तो इंदौर, देवास, धार और शाजापुर जिलों के जोड़े यहां पर विवाह कर रहे हैं।
आयोजन समिति के हरिओम ठाकुर के मुताबिक एक परिवार से १५ हजार रुपए लिए जाते हैं। इसमें कोई गरीब हो और गांव की कमेटी के उसकी सिफारिश करने पर समिति उनसे शुल्क नहीं लेती है। सामूहिक विवाह में विधायक अंतरसिंह दरबार, कंचनसिंह चौहान और मोहन बुंदेला जैसे समाज के दिग्गजों ने भी अपने बच्चों की शादी कराई है।
दे सकता है अलग से भोजन
इसके बाद कोई भी परिवार अलग से भोजन देना चाहता है तो दे सकता है। आज कल तो गांव के चार-पांच जोड़ों की शादी होती है तो वे भी मिलकर आशीर्वाद समारोह रख रहे हैं। समाज में तेजी से बदलाव आ रहा है, शानो-शौकत के बजाए परिवार की उन्नति और बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जा रहा है।
निकलेगा जुलूस
परशुराम जयंती पर सर्व ब्राह्मण युवा परिषद के बैनर तले शोभायात्रा निकाली जाएगी जो शाम ६ बजे से बड़ा गणपति से शुरू होकर राजबाड़ा तक पहुंचेगी। यात्रा में एकता दिखाने के लिए महिलाएं एक जैसी साड़ी में नजर आएंगी।
जानापाव में होगी विशेष पूजा
भगवान परशुराम की जन्म स्थली जानापाव पर कल विशेष पूजा-अर्चना होगी, जिसमें बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज इक_ा होगा। हर साल की तरह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल होने पहुंचेंगे। एक सभा का आयोजन भी होगा जिसमें समाज के मुखियाओं के अलावा चौहान संबंधित करेंगे। गौरतलब है कि पांच साल पहले चौहान ने विकास की घोषणा की थी जिस पर तेजी से काम हुआ। सत्संग हॉल, कुंड के अलावा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।
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