हम बात कर रहे हैं इंदौर शहर की जहां कई लोगों ने प्रेमी के लिये परिवार छोड़ दिया और जब प्रेमी के साथ रहकर दिक्कत हुई तो पहुंच गए थाने। मामला नाबालिग का हो तो परिवार के बयान पर पुलिस केस दर्ज कर खत्म कर देती। दोनों ही बालिग निकलें और एक-दूसरे के साथ रहने को तैयार हों तो फिर क्या करें? इसके चलते सिर्फ सोच-समझकर फैसला लेने की समझाइश ही दे सकी, लेकिन इसके बाद भी घूम-फिरकर एक बार फिर से पुलिस के पास मामले पहुंच गए।
शिकायत, शादी की बात… अब अलगाव
परदेशीपुरा क्षेत्र का एक मामला पुलिस के पास पहुंचा। उसमें युवती ने अपने बयान में बताया कि कोई लड़का उसे परेशान कर रहा है। लड़के को बुलाया गया, पता चला कि उनकी जान-पहचान है। लड़की के घर वाले रिपोर्ट के लिए तैयार नहीं हुए तो लड़के को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। इसके एक महीने बाद जुलाई में यह जोड़ा फिर से पुलिस के पास पहुंच गया। अबकी बार बताया कि वे शादी करना चाहते हैं, लेकिन परिवार तैयार नहीं हो रहा। बालिग होने के कारण परिवार को बुलाया गया। परिवार से बात हुई तो वो कुछ दिन बाद शादी करने के लिए तैयार हो गए। इसके कुछ दिन बाद लड़का फिर से थाने पहुंचा। अब एक बार फिर से लड़की द्वारा उससे बात नहीं करने और शादी तोडऩे की बात कहने लगा। अब पुलिस लड़की को बुलाकर कोई स्थायी हल निकाल रही है।
सामान समेटकर पहुंच गई प्रेमी के घर
महू की शादीशुदा महिला को एक युवक से प्यार हो गया। दोनों ने शादी का वादा किया। कोरोना लॉकडाउन में कुछ छूट मिली तो वह अपना सामान समेटकर छह साल की बेटी और पति को छोड़कर प्रेमी के घर जा पहुंची। प्रेमी इसके लिए तैयार नहीं था। उसने उसे अपने साथ रखने से मना कर दिया। इसके बाद महिला पति के पास लौटी तो उसने घर में आने नहीं दिया। परेशान होकर मायके पहुंची तो वहां भी दरवाजे बंद मिले। जब कहीं रास्ता नहीं मिला तो पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने पति से बात की तो वह रखने को तैयार नहीं था। प्रेमी को कुछ समय चाहिए था। महिला को कहीं पर तो रखना था। इसके चलते मायके वालों को बुलाया गया और समझाइश देकर महिला को रवाना किया।
बच्चे रोते रहे, प्रेमी के साथ चली गई मां
द्वारकापुरी थाना क्षेत्र का यह मामला भी कुछ कम नहीं है। लगभग बालिग हो चुकी बेटियों की मां को कम उम्र युवक से प्रेम हो गया। वह घर से लापता हो गई। पुलिस ने ढूंढ़ा और थाने लाई। थाने में तीनों बच्चों के साथ में पति भी पहुंचा। पुलिस ने महिला से पूछा- कहां जाना चाहती हो? इस पर वह प्रेमी के साथ जाने का कहने लगी। तीनों बच्चे थाने में रो-रो कर अपनी मां को रोकते रहे, लेकिन किसी की बात नहीं सुनी और वह प्रेमी के साथ चली गई। पुलिस ने समझाया कि जो भी निर्णय लो, सोच समझकर लेना। वह टस से मस नहीं हुई। कुछ दिन बाद थाने आई और पति-बच्चों के साथ में रहने की बात करने लगी। पुलिस अधिकारियों ने दोबारा पति व परिवार को बुलाया और उन्हें समझाइश देकर महिला को घर पहुंचाया।
मिला भी दिया दूरी ने
विजय नगर में रहने वाली महिला ने अपनी शादी के 12 साल बाद पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवा दिया। पति जेल चला गया, इसी बीच लॉकडाउन लग गया। दोनों मिल नहीं पाए। लॉकडाउन में दोनों के बीच टेलीफोन पर बातें हुईं तो महिला पति के साथ दोबारा रहना चाहने लगी। पुलिस के पास पहुंची तो काउंसलिंग कराई गई। इसके बाद पति-पत्नी साथ रहने लगे हैं।
लॉकडाउन की इन प्रेम कहानियों से सबस ज्यादा पुलिस परेशान है उनके पास समझाइश देने के अलाव कोई चारा नहीं है। टीआइ द्वारकापुरी डीवीएस नागर की माने तो पुलिस की कोशिश रहती है कि परिवार टूटे नहीं। बालिग अगर आते हैं तो उन्हें अपना निर्णय सोच-समझकर लेने के लिए कहा जाता है। कई मामले सामने आए थे। उसमें समझाइश से परिवार बच गया।
वही सामाजिक कार्यकर्ता व काउंसलर रश्मि मनी ने बताया कि अनलॉक होने के बाद इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें कोई अपराध बनता है, उन मामलों को संबंधित थाने पर भेज दिया जाता है। जहां समझाइश की जरूरत रहती है। उन मामलों में काउंसलिंग करके हल निकाला जा रहा है।