डॉ. आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को है, जिसे प्रदेश सरकार हर साल धूमधाम से मनाती है। आचार संहिता के कारण इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी नेता आएंगे, उनके साथ आयोजन का मंच साझा नहीं किया जाएगा। प्रतिमा पर माल्यार्पण करके रवाना हो जाएं।
मुख्य आयोजन में यशवंतराव के शामिल होने से विशेष व्यवस्था जुटाई जाएगी। जिला प्रशासन दो लाख लोगों के आने के हिसाब से ही तैयारियां कर रहा है। ड्रोन कैमरे से आयोजन पर नजर होगी, ताकि गड़बड़ करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सेना ने जमीन पर करवाई फेंसिंग
आंबेडकर जन्म स्मारक करीब २३ हजार वर्गफीट में है। इससे लगी सेना की जमीन आयोजन के दौरान इस्तेमाल की जाती है। इस बार सेना ने अपनी जमीन पर तार फेंसिंग करवा दी। आंबेडकर स्मारक के राजेश वानखेड़े ने सरकार से हस्तक्षेप कर आयोजन के लिए फेंसिंग निकलवाने का आग्रह किया।
आंबेडकर जन्म स्मारक करीब २३ हजार वर्गफीट में है। इससे लगी सेना की जमीन आयोजन के दौरान इस्तेमाल की जाती है। इस बार सेना ने अपनी जमीन पर तार फेंसिंग करवा दी। आंबेडकर स्मारक के राजेश वानखेड़े ने सरकार से हस्तक्षेप कर आयोजन के लिए फेंसिंग निकलवाने का आग्रह किया।
पिकनिक स्पॉट पर बढ़ाई सुरक्षा
महू आने वाले श्रद्धालु बाद में आसपास में भी घूमते हैं। वे पातालपानी, चोरल, वाचू पॉइंट व मांडू भी जाते हैं। जिले के पर्यटन केंद्रों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
महू आने वाले श्रद्धालु बाद में आसपास में भी घूमते हैं। वे पातालपानी, चोरल, वाचू पॉइंट व मांडू भी जाते हैं। जिले के पर्यटन केंद्रों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
चलाई जाएंगीं बसें
महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो अकोला, खंडवा होते हुए महू पहुंचते हैं। खंडवा के आगे रेल लाइन का काम चल रहा है। इसके चलते प्रशासन वहां से श्रद्धालुओं को लाने ले जाने की व्यवस्था जुटा रहा है। इसके अलावा शहर की उन बस्तियों में भी बस लगाई जाएंगीं, जहां पर दलित संख्या ज्यादा है।
महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो अकोला, खंडवा होते हुए महू पहुंचते हैं। खंडवा के आगे रेल लाइन का काम चल रहा है। इसके चलते प्रशासन वहां से श्रद्धालुओं को लाने ले जाने की व्यवस्था जुटा रहा है। इसके अलावा शहर की उन बस्तियों में भी बस लगाई जाएंगीं, जहां पर दलित संख्या ज्यादा है।