अनंत चतुर्दशी : जोश, जज्बा, जिद व जुनून जीता : झिलमिल झांकियों को निहारने बारिश में भी डटे रहे लोग, हुकमचंद मिल की झांकी प्रथम, मालवा मिल द्वितीय
अनंत चतुर्दशी : इंदौरियों के आगे नतमस्तक इंद्रदेव
इंदौर. इंदौर के अनंत चतुर्दशी चल समारोह में कल की रात भारी रही, लेकिन इंदौरियों ने अपने जोश, जब्बे, जिद व जुनून से उसे हरा दिया। इंद्रदेव दिनभर से ही मन बनाकर बैठे थे कि आज तो मैं नौ दशक से चली आ रही इंदौर की झिलमिल-झिलमिल करती परंपरा के कारवां को थाम कर ही रहूंगा, लेकिन उन्हें शायद पता नहीं था कि मां अहिल्या की नगरी के बाशिंदे भी कम नहीं। उनके जोश, जज्बे, जिद व जुनून के आगे वे भी कल नतमस्तक नजर आए। शाम छह बजे से मिलों से झांकियां अपने समय पर निकलीं, बारिश भी अपना रौद्र रूप दिखाती रही। कभी झमाझम तो कभी फुहारों के रूप में बरस कर उसने पूरा जतन किया, लेकिन इंदौरियों के हौसलों के आगे हार माननी ही पड़ी। बरसते पानी में झांकियां निकलती रहीं, अखाड़ों में कलाकारों ने हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। ऊपरवाला पानी बरसा रहा था तो नीचे मेहनतकश अपना पसीना बहाने में लगे थे… पानी पर पसीना भारी पड़ा। बारिश में भी लोग देर रात तक झांकियां देखने डटे रहे और कलाकारों की जमकर हौसलाअफजाई की। हुकमचंद मिल की झांकी प्रथम स्थान पर रही, वहीं अखाड़ों में चंद्रपाल उस्ताद व्यायामशाला व छोगालाल उस्ताद व्यायामशाला प्रथम रहे।
परंपरा और मालवा की संस्कृति के अनुरूप ९३ वर्ष पुराना झांकियों का कारवां अनंत चतुर्दशी पर गुरुवार शाम ६ बजे से शुरू हुआ और ११ घंटे बाद सुबह ५ बजे खत्म हुआ। रातभर बारिश का दौर जारी था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में शहर और आसपास के लोग झांकियां और पहलवानों का जोश बढ़ाने को डटे रहे।
इस बार चल समारोह में 28 झांकियां शामिल थीं। सबसे आगे खजराना गणेश मंदिर की झांकी थी। इसके बाद आईडीए, भंडारी मिल, इंदौर नगर निगम, कल्याण मिल, साईंनाथ सेवा समिति, कनकेश्वरी इन्फोटेक, नंदा नगर सहकारी समिति, स्पूतनिक ट्यूटोरियल एकेडमी, मालवा मिल, स्वदेशी मिल, राजकुमार मिल, हुकुमचंद मिल, जैन समाज सामाजिक संगठन, जय हरसिद्धि मां सेवा समिति, मुस्कान ग्रुप और श्री शास्त्री कॉर्नर नवयुवक मंडल की झांकियां थीं। झांकियां डीआरपी लाइन से प्रारंभ हुआ चल समारोह चिकमंगलूर चौराहा, जेल रोड, एमजी रोड, कृष्णपुरा छत्री, नंदलालपुरा, जवाहर मार्ग, गुरुद्वारा चौराहा, बंबई बाजार, नृसिंह बाजार चौराहा, सीतलामाता बाजार, गोराकुंड चौराहा, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, कृष्णपुरा पुल पर खत्म हुआ। जब अंतिम झांकी जेल रोड से गुजर रही थी, तब पहली झांकी जवाहर मार्ग पहुंच चुकी थी।
चार ड्रोन कैमरों से नजर इस बार झांकियों में सुरक्षा की दृष्टि से चार ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया। इसके बाद १४ वॉच टॉवर और ३ हजार जवान तैनात किए गए थे। बंबई बाजार और कृष्णपुरा छत्री पर अस्थायी कंट्रोल रूम बनाए गए थे। अग्निजनित हादसों से बचने के लिए फायर ब्रिगेड की ७ गाडिय़ां तैनात की गर्इं थीं।