बीआरटीएस भी असुरक्षित
बीआरटीएस पर बसों की िस्थति असुरक्षित है। हाल ही में कुछ दुर्घटनाएं इस बात की तस्दीक कर रही हैं। बसों की हालत से इनकी राइडरशिप प्रभावित हो रही है। पिछले साल ग्रीन कॉरिडोर की कल्पना करते हुए बीआरटीएस की बसों को इलेक्टि्रक बसों से रिप्लेस करने की योजना थी। 6 माह बाद भी ये बसें नहीं मिली हैं।
बीआरटीएस पर बसों की िस्थति असुरक्षित है। हाल ही में कुछ दुर्घटनाएं इस बात की तस्दीक कर रही हैं। बसों की हालत से इनकी राइडरशिप प्रभावित हो रही है। पिछले साल ग्रीन कॉरिडोर की कल्पना करते हुए बीआरटीएस की बसों को इलेक्टि्रक बसों से रिप्लेस करने की योजना थी। 6 माह बाद भी ये बसें नहीं मिली हैं।
कहने को ही हैं जीपीएस
सिटी बसों में जीपीएस भी लगे हैं। इसके बावजूद बस स्टॉप से इतर ये बसें कहीं भी रूक रही हैं। यह मनमानी शहर में ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह है। बस स्टॉप का रखरखाव नहीं है। रूट पर यात्री बढ़ रहे हैं, लेकिन समय और कनेक्टिविटी प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित है। सूत्रों का कहना है कि एआइसीटीएसएल की स्थिति चरमरा गई है। ऑपरेटर आसानी से नहीं आ रहे हैं। सिटी बसों के नए स्टॉप बनाने के लिए टेंडर नहीं आए हैं। अब इन्हें रिडिजाइन कर बोर्ड में रखा जाएगा।
सिटी बसों में जीपीएस भी लगे हैं। इसके बावजूद बस स्टॉप से इतर ये बसें कहीं भी रूक रही हैं। यह मनमानी शहर में ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह है। बस स्टॉप का रखरखाव नहीं है। रूट पर यात्री बढ़ रहे हैं, लेकिन समय और कनेक्टिविटी प्लान सिर्फ कागजों तक सीमित है। सूत्रों का कहना है कि एआइसीटीएसएल की स्थिति चरमरा गई है। ऑपरेटर आसानी से नहीं आ रहे हैं। सिटी बसों के नए स्टॉप बनाने के लिए टेंडर नहीं आए हैं। अब इन्हें रिडिजाइन कर बोर्ड में रखा जाएगा।
योजना पर काम जारी
सभी रूट्स पर बसें चल रही हैं। वर्तमान में 600 प्लस बसें हैं। इनके विस्तार की योजना पर काम जारी है।
मनोज पाठक, सीईओ, एआइसीटीएसएल
सभी रूट्स पर बसें चल रही हैं। वर्तमान में 600 प्लस बसें हैं। इनके विस्तार की योजना पर काम जारी है।
मनोज पाठक, सीईओ, एआइसीटीएसएल