निगम के १९ जोनल ऑफिसों पर तैनात नर्मदा प्रोजेक्ट के सहायक यंत्री और उपयंत्रियों को शौचालयों के साथ टॉयलेट में पानी की व्यवस्था करना है। नर्मदा नहीं होने पर बोरवेल के जरिए व्यवस्था करना है, लेकिन इस काम में नर्मदा के सहायक यंत्री और उपयंत्री लापरवाही बरत रहे हैं, क्योंकि सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों में नल तो लगे हैं पर पानी की व्यवस्था नहीं है। इसकी पोल कल यानी रविवार को उस समय खुली, जब वार्ड-22 में आने वाले रविदास नगर का निरीक्षण करने निगमायुक्त आशीष सिंह पहुंचे। यहां पर शौचालयों की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के दौरान उन्होंने देखा कि नल तो लगे हैं, लेकिन पानी नहीं आ रहा। लोगों को बाल्टी में पानी लेकर जाना पड़ रहा है।
यह देख सिंह पहले उन अफसरों पर भड़के, जो कि निरीक्षण के दौरान उनके साथ थे। साहब की नाराजगी को देख मौके पर मौजूद अफसरों ने कहा कि नर्मदा के अफसरों को कई बार पानी की व्यवस्था करने का कहा, लेकिन करते नहीं। आयुक्त ने तत्काल सेट पर नर्मदा के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव को तलब किया और पानी की व्यवस्था न करने वाले सहायक यंत्री सहित उपयंत्री को सस्पेंड करने की बात की। श्रीवास्तव को उन्होंने निर्देशित किया कि सभी १९ जोन के शौचालयों और टॉयलेट में पानी की व्यवस्था करो, वरना तुम्हारे खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इस पर श्रीवास्तव ने व्यवस्था करने को कहा।
शौचालयों और टॉयलेट में पानी की व्यवस्था न होने पर भड़के आयुक्त ने जिम्मेदार अफसरों से कहा कि जब तुम्हें मालूम है कि सर्वेक्षण चल रहा है, तो फिर लापरवाही क्यों बरत रहे हो? नंबर कम कराओगे क्या? सर्वे टीम को जरा सी भी गड़बड़ी मिली, तो नंबर कट जाएंगे। यह मालूम होने के बावजूद काम के प्रति लापरवाही ठीक नहीं। उन्होंने सेट पर अन्य अफसरों को भी सर्वेक्षण को लेकर व्यवस्था दुरुस्त रखने के आदेश दिए।