इस मामले में पुलिस अफसरों का कहना है कि ओवैसी की सभा के लिए पहले 30 जून को अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद इसे 1 जुलाई किया गया। सभा के लिए अनुमति के संबंध में अंतिम निर्णय प्रशासन को ही लेना होता है। नियमानुसार ओवैसी की सभा की मंजूरी के लिए भी प्रशाासन के पास विधिवत आवेदन भेज दिया गया था। संभवत: तारीख में बदलाव के कारण इसपर उचित निर्णय नहीं हो सका। पुलिस का यह भी कहना है कि सभा के संबंध में हमारी तरफ से कोई अनुमति नहीं दी गई है।
बताया जा रहा है कि राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या की घटना से स्थानीय प्रशासन भी अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है. इस घटना और मामले को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर ओवैसी की सभा को मंजूरी देने का मामला खटाई में पड़ गया। सूत्रों के मुताबिक ओवैसी की पार्टी पदाधिकारियों ने भी इसके लिए अफसरों से संपर्क कर अनुमति मांगी लेकिन उन्हें उदयपुर की घटना का हवाला देते हुए चुप करा दिया गया। ओवैसी अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसंपर्क भी करेंगे या नहीं फिलहाल इसकी भी कोई अधिकृत सूचना नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में अभी कुछ भी कहने से इंकार किया है। उधर शहर में कुछ दलों के उम्मीदवारों ने भी उदयपुर की घटना के विरोध में दोपहर तक जनसंपर्क नहीं करने का फैसला लिया है।