इधर, टिकिट को लेकर इंदौर से गए नेताओं को दिल्ली में किसी ने भाव नहीं दिया। टिकट वितरण में हस्तक्षेप रखने वाले प्रदेश के बड़े नेता अपने लोगों को चुनावी मैदान में उतारने पर अड़े है। टिकट मिलने की आस में इंदौर से दिल्ली पहुंची दावेदारों की माने तो कई विधानसभा सीटों पर विवाद की स्थिति बन रही है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के अनुसार प्रत्याशियों के चयन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के अलग से बने दफ्तर 15, जीआरजी पर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दो बार हुई। पहले दोपहर और इसके बाद शाम को, जो देर रात तक चली।
माना जा रहा है कि दूसरी बैठक के बाद इंदौर को लेकर लगभग सब तय हो गया है और मिस्त्री ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और सह-प्रभारी संजय कपूर से बात भी कर ली । बैठकों के बाद टिकट मांगने पहुंचे दावेदारों ने बड़े नेताओं और अपने आकाओं से बात करने और मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इनकी तरफ देखा तक नहीं।
पहली बैठक में हुआ विवाद
दोपहर में हुई पहली बैठक में नामों को लेकर जमकर खींचतान हुई और विवाद की स्थिति बनी। इंदौर से गए नेताओं की माने तो दोपहर की बैठक खत्म होने के बाद प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एक साथ निकले। इसके बाद बाबरिया और कपूर एक साथ निकले। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिस्त्री के साथ बाहर आए और काफी देर अकेले में बात की। इस दौरान उनके चेहरे के हावभाव साफ नारजगी वाले थे।
दोपहर में हुई पहली बैठक में नामों को लेकर जमकर खींचतान हुई और विवाद की स्थिति बनी। इंदौर से गए नेताओं की माने तो दोपहर की बैठक खत्म होने के बाद प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एक साथ निकले। इसके बाद बाबरिया और कपूर एक साथ निकले। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिस्त्री के साथ बाहर आए और काफी देर अकेले में बात की। इस दौरान उनके चेहरे के हावभाव साफ नारजगी वाले थे।
सिंगल नामों पर सहमति
माना जा रहा है कि कांग्रेस में सिंगल नामों को लेकर सहमति बन गई है। इन नामों में अधिकांश मौजूदा विधायक शामिल है। इसके साथ ही 2013 के विधानसभा चुनाव में तीन हजार से कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों के नाम को भी हरी-झंडी मिलने की संभावना है। इन दोनों ही मापदंडों के अलावा सर्वे के आधार पर भी उम्मीद्वारी का फैसला टिका है। इसके साथ ही कई नेता अपने राजनीतिक आका के जरिए टिकट पाने की जुगाड़ में लगे हैं और दिल्ली पहुंच गए, लेकिन आका भी नजरे इनायत नहीं कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि कांग्रेस में सिंगल नामों को लेकर सहमति बन गई है। इन नामों में अधिकांश मौजूदा विधायक शामिल है। इसके साथ ही 2013 के विधानसभा चुनाव में तीन हजार से कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों के नाम को भी हरी-झंडी मिलने की संभावना है। इन दोनों ही मापदंडों के अलावा सर्वे के आधार पर भी उम्मीद्वारी का फैसला टिका है। इसके साथ ही कई नेता अपने राजनीतिक आका के जरिए टिकट पाने की जुगाड़ में लगे हैं और दिल्ली पहुंच गए, लेकिन आका भी नजरे इनायत नहीं कर रहे हैं।
अभी दिल्ली में ही डेरा
इंदौर से टिकट की दावेदारी करने वाले जो नेता दिल्ली पहुंचे, उनमें अश्विन जोशी, सत्यनारायण पटेल, केके यादव, संजय शुक्ला, दीपू यादव, कमलेश खंडेलवाल, गोलू अग्निहोत्री, बबलू यादव, मोहन सेंगर, विशाल पटेल, अनुरोध जैन, प्रेम खड़ायता, दीपक राजपुत और चिंटू चौकसे आदि नेता शामिल है। बड़े नेताओं से मुलाकात ना होने के बाद अब उनके दरवाजे पर इंदौरी नेता दरबान बनकर खड़े हैं।
इंदौर से टिकट की दावेदारी करने वाले जो नेता दिल्ली पहुंचे, उनमें अश्विन जोशी, सत्यनारायण पटेल, केके यादव, संजय शुक्ला, दीपू यादव, कमलेश खंडेलवाल, गोलू अग्निहोत्री, बबलू यादव, मोहन सेंगर, विशाल पटेल, अनुरोध जैन, प्रेम खड़ायता, दीपक राजपुत और चिंटू चौकसे आदि नेता शामिल है। बड़े नेताओं से मुलाकात ना होने के बाद अब उनके दरवाजे पर इंदौरी नेता दरबान बनकर खड़े हैं।