एमवाय अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. धमेन्द्र झंवर ने बताया, फिलहाल श्वसन तंत्र के वायरल के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। बुखार, सर्दी, खांसी, हाथ-पैर में दर्द, कमजोरी, भूख ना लगने की शिकायतें मरीजों में सामने आ रही हैं। विभाग की ओपीडी में रोजाना करीब 500 मरीज पहुंचते हैं, जिनकी संख्या दोगुना हो गई है। रोजाना एक हजार के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। पीसी सेठी अस्पताल के प्रभारी डॉ. माधव हसानी ने बताया, ओपीडी में 500 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें 100 से 150 मरीज वायरल संबंधी परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं।
टीबी एंड चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. सलील भार्गव ने बताया, विभाग में सर्दी-खांसी, इंफेक्शन की समस्या लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। जिन मरीजों को पहले से दमा या सीओपीडी की समस्या है, उनकी हालत तेजी से बिगड़ रही है। अस्थमा, एलर्जी और टीबी के मरीजों को बारिश में खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए कि वह भीगे नहीं। भीग जाने पर तुरंत शरीर को सुखाने और सुखे कपड़े पहन शरीर को गर्म रखें। ऐसे 15 फीसदी मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में भीगने या घरों में सीलन के कारण यह समस्या बढ़ रही है। निजी अस्पतालों में भी मरीज बढ़ेनिजी अस्पतालों की बात की जाए तो यहां भी बड़ी संख्या में वायरल से ग्रस्त मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया, अब तक डेंगू के 27 मरीजों की पुष्टी हुई है, वहीं मलेरिया के 11 मरीज मिले हैं। गौरतलब है, स्वास्थ्य विभाग एमजीएम मेडिकल कॉलेज से मिली रिपोर्ट के आधार पर ही डेंगू की पुष्टी करता है। अधिकतर निजी अस्पतालों में रैपिट टेस्ट के बाद मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाता है। इसलिए वास्तविक और सरकारी आंकड़ों में काफी अंतर रहता है।
बारिश में बीमारियों के प्रमुख कारण – बारिश के जमा पानी में मच्छरों का पनपना, एजीस मच्छर डेंगू व मलेरिया फैलाते हैं। – कीट, मच्छर व मक्खीयों से भोज्य पदार्थों व पानी का संक्रमित होना।
– एक-दूसरे से संक्रमण फैलना। – बारिश में भीगना और काफी देर तक खुद को नहीं सुखाना। वायरल बुखार के लक्षण – बुखार, सर्दी-खांसी, सिर व बदन में दर्द, पेशाब का रंग बदलना, बेचैनी महसूस होना, प्यास अधिक लगना, मुंह का स्वाद कड़वा होना।
यह सावधानी जरूरी – बुखार होने पर रोगी को हवादार कमरे में रखकर ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। – बुखार में हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। गर्म पानी का ही उपयोग करें।
– बीमार व्यक्ति का टावल व अन्य कपड़ों का उपयोग ना करें। – यह सभी लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।