जानकारी के अनुसार इंदौर के छावनी क्षेत्र में भाजपा कार्यालय के सामने सड़क पर अचानक एक युवक नारेबाजी करने लगा। उसके पास पेट्रोल से भरी केन भी थी। देखते ही देखते उसने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। वह खुद आग लगा पाता उससे पहले ही पुलिसकर्मी और वहां मौजूद लोगों ने उसे दबोच लिया। कार्यकर्ता भाजपा और रमेश मेंदोला जिंदाबाद के नारे लगा रहा था और मेंदोला को मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहा था।
राजनीति का काला दिन, पार्टी छोड़ने को तैयार हैं समर्थक
इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला को मंत्री नहीं बनाए जाने पर उनके समर्थकों ने इसे राजनीति का काला दिन बताया है। उनके समर्थकों ने कहा है कि विष तो रमेश मेंदोला जी ने पिया शिवराजजी। जिस दिन हमारे दादा का आदेश होगा उस दिन हम भी सड़कों पर उतरेंगे, हम भी पार्टी छोड़ने को तैयार हैं दादा के लिए, परन्तु दादा ने कभी किसी को गद्दारी करना नहीं सिखाया वरना आज माहौल कुछ अलग होता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी मजबूर कर रही है माहौल बदलने पर। दादा की वजह से इंदौर और कहूं तो मध्यप्रदेश में बीजेपी का नाम है। लोग कहते हैं कि विधायक हो तो रमेश मेंदोला जैसा, पर पार्टी इस बात को पता नहीं कब समझेगी? शायद जब दादा अपने रौद्र रूप में आएंगे तब।
विरोध का पहला मामला
इंदौर में विरोध के स्वर देखने को मिले। इंदौर से यह विरोध का पहला मामला सामने आया है। इंदौर से भाजपा के विधायक रमेश मेंदोला का नाम भी मंत्री पद के लिए चला था। एक दिन पहले तक रमेश मेंदोला का नाम तय माना जा रहा था। मेंदोला भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ उज्जैन महाकाल मंदिर दर्शनों के लिए भी पहुंचे थे।
मालवा निमाड़ क्षेत्र से किसी को प्रतिनिधित्व दिया जाना था। रमेश मेंदोला उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें यह पद मिलेगा, लेकिन महू से भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर को मंत्री बना दिया गया। इनके अलावा इंदौर से मालिनी गौड़ और पहले मंत्री रह चुके महेंद्र हार्डिया का नाम भी पहले चर्चाओं में रहा।