सोशल मीडिया पर मामलें से संबंधित वीडियो वायरल हैं जिसमें कुछ लोगों को सुलभ शौचालयों के बाहर पोस्टर लगाते हुए देखा जा सकता हैं फिर भी मामले की भनक नगर निगम और पुलिस को नहीं हुई और न ही किसी व्यक्ति ने पुलिस थाने में शिकायत की।
अहिल्याबाई ने कराया पुनर्निर्माण
दरअसल शहर में बन रहे इस माहौल की बड़ी वजह इंदौर का ज्ञानवापी मस्जिद के साथ सीधा संबंध होना है।औरंगजेब ने 18 अप्रैल 1669 में काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण करवाया था। बाद में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होलकर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। नए बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में इसका उल्लेख करती शिलापट लगाई गई हैं जिसमें महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा कराए गए मंदिर निर्माण का जिक्र हैं।
जब महंत ने ज्योतिर्लिंग को मुगल आक्रमण से बचाया
ज्योतिर्लिंग को नुकसान से बचाने के लिए मंदिर के महंत शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे। हमले के दौरान मुगल सेना ने मंदिर के बाहर स्थापित विशाल नंदी की मूर्ति को तोड़ने की भी कोशिश की थी लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी मुगल सेना नंदी की मूर्ति को तोड़ नहीं पाई। अब नए निर्मित कॉरिडोर में विश्वनाथ मंदिर परिसर से दूर रहे ज्ञानवापी कूप और विशाल नंदी को एक बार फिर 352 साल बाद मंदिर प्रांगण में शामिल कर लिया गया है।