रवींद्र शिव सेना के सचिव है। शिव सेना ने अल्टीमेटम दिया है कि 24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो भूख हड़ताल की जाएगी।
bajrang dal Protest in front of dig office for immolation of cotton broker in indore
इंदौर. नौ करोड़ रुपए का माल लेकर मुकर गई कोलकाता की कंपनी से न्याय दिलाने की गुहार लगाकर हार चुके कॉटन व्यापारी ने शुक्रवार शाम रीगल तिराहे पर डीआईजी ऑफिस के सामने आग लगा ली। उन्होंने शुक्रवार शाम 5 बजे एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव के ऑफिस फोन कर सूचना दी, इसके बावजूद उन्हें बचाने का प्रयास नहीं किया।कॉटन ब्रोकर रवींद्र बेनीप्रसाद जोशी (40) जावरा कम्पाउंड निवासी व्यापारी हैं। वे बेनीप्रसाद नाम से कॉटन ब्रोकर फर्म चलाते हैं। घटना के बाद शनिवार को कॉटन व्यापारी के समर्थन में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। रवींद्र शिव सेना के सचिव है। शिव सेना ने अल्टीमेटम दिया है कि 24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो भूख हड़ताल की जाएगी। यह भी पढ़ें- 63 साल में पहली बार दलित और आदिवासी को देश में मिली मानद उपाधि, इन्होंने बढ़ाया मान
घटना के वक्त फायर बाइक पुलिसकर्मी ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे 96 फीसदी झुलस चुके थे। उन्हें गंभीर हालत में एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया है। उन्होंने अस्पताल में दिए बयान में कहा कि 2014 में उन्होंने ओडिशा से करीब नौ करोड़ रुपए का माल लेकर कोलकाता की अशोक मल्टी यार्न मिल्स को भेजा था। माल मिलने के बाद कंपनी ने पैसे देने से इनकार कर दिया। वे दोनों तरफ से फंस गए, क्योंकि ओडिशा की फर्म को उन्हें माल का भुगतान करना था। रकम बड़ी होने के कारण वे खुद उसका भुगतान नहीं कर पा रहे थे और इधर कोलकाता की कंपनी रुपए देने को तैयार नहीं थी। उन्होंने कई चक्कर लगाए और हारकर संयोगितागंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ा कि मामला कोलकाता का है।
पुलिस केस ही दर्ज नहीं किया। रवींद्र ने आईजी, डीआईजी, एसपी, कलेक्टर को शिकायत की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसी में एक साल बीत गया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र भेजकर भी मदद मांगी। 2015 में उन्होंने फिर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर आत्मदाह की चेतावनी देते हुए पीएमओ को पत्र लिखा।
इस पर तत्कालीन एसडीएम उनके पास। काफी समय तक उनके बीच बात चलती रही, लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही। वे लंबे समय से तनाव में चल रहे थे। न्याय की उम्मीद टूटने लगी थी। इसी के चलते शुक्रवार शाम उन्होंने यह कदम उठाया। 5 बजे उन्होंने एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव के ऑफिस फोन लगाकर जानकारी दी, लेकिन किसी ने सुध लेने की जहमत नहीं उठाई।
कपड़ों पर पेट्रोल छिड़क कर आए थे एसडीएम ऑफिस को आत्मदाह की सूचना देने के बाद रवींद्र कपड़ों पर पेट्रोल छिड़क कर पैदल ही रीगल पहुंचे। भारी ट्रैफिक के बीच शाम 7 बजे उन्होंने डीआईजी ऑफिस के सामने आ लगा ली। लोग समझ नहीं पाए अचानक क्या हो गया।