फरियादी ने मार्च में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि आरोपी का भोपाल के अलावा इंदौर में कंसल्टेंसी ऑफिस है। आरोपी ने झांसा दिया था कि उसकी फर्म यूनिवर्सिटी ऑफ बारवाडोस में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश दिलाती है। आरोपी ने इसके लिए शोभना, दुर्गा, शुभम, नवीन, कीर्ति के परिवार से प्रति छात्र 28.5 लाख पढ़ाई का खर्च लिया और वर्ष 2017 में कागजी कार्रवाई कर सभी को बारवाडोस भेजने के लिए दिल्ली बुलाया। यहां इंश्योरेंस के नाम पर इनके परिजन से रुपए लिए। विदेश पहुंचने के 8 माह बाद यूनिवर्सिटी बंद हो गई।
परिवार ने इंश्योरेंस कंपनी की मदद से राहत राशि के लिए आवेदन किया। तब पता चला कि आरोपी ने भारत छोड़ने के बाद बच्चों का इंश्योरेंस करवाया था। इंश्योरेंस कंपनी की ओर कहा गया कि वे क्लेम नहीं दे सकते, क्योंकि विदेश जाने से पहले इंश्योरेंस किया जाता है। परिवार का आरोप है कि इससे उनके बच्चे विदेश में मानसिक रूप से परेशान हुए। टीआइ के मुताबिक, ऐसे करीब तीस लोगों से आरोपी ने धोखाधड़ी की है। 12 साल में उसके द्वारा करीब ढाई करोड़ रुपए लोगों से लिए गए।