साइबर सेल में हाल ही में कुछ ऐसी शिकायतें आई हैं, जिसमें क्रेडिट कार्ड आपके हाथ में आए उसके पहले ही उसे एक्टिव कर खरीदी कर ली जाती है। विजयनगर निवासी पंकज जसवानी के साथ ऐसा हुआ तो उन्होंने तत्काल पुलिस को शिकायत की। जांच करने पर कोरियर कंपनी के कर्मचारी की हरकत सामने आई थी।
अधिकारियों के मुताबिक निजी बैंक के क्रेडिट कार्ड को लेकर इस तरह की शिकायतें है। बैंक निजी एजेंसी व कोरियर कंपनी के जरिए क्रेडिट कार्ड की डिलेवरी करता है। इन एजेंसियों से जुड़े लोग डिलेवरी के पहले ही उसे एक्टिव कर खरीदी कर लेते हैं और कार्ड आपके हाथ आने के कुछ दिनों बाद ही बिल भी आ जाता है। पुलिस ने गड़बड़ी पकड़ी तो अब कोड नंबर बताने पर ही कार्ड डिलेवरी का सिस्टम आ गया है।
रखें सावधानी…
अवैध कारोबार का अड्डा बन चुके डार्क नेट पर आपके क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का डेटा बिक जाता है। विदेशों में बिना ओटीपी क्रेडिट कार्ड से खरीदी हो जाती है। कई के साथ ऐसा फ्रॉड हो चुका है। पुलिस के मुताबिक अब बैंक की मोबाइल ऐप्लीकेशन में इंटरनेशनल भुगतान को बंद करने का ऑप्शन है। अपने क्रेडिट कार्ड में इंटरनेशनल ऑप्शन बंद कर दें, खरीदी नहीं हो पाएगी।
शेयर न करें निजी जानकारी
एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक क्रेडिट कार्ड के फ्रॉड से बचना है तो सोशल मीडिया पर कहीं भी अपनी निजी जानकारी न लिखें, ठगोरे वहां से जानकारी लेकर घटनाएं करते हैं।
10 महीने में 34 मामलों में वापस मिला पैसा
ऑनलाइन फ्रॉड लगातार होता है, लेकिन लोग तुरंत शिकायत नहीं करते जिससे नुकसान होता है। एएसपी के मुताबिक राशि पेमेंट गेटवे अथवा ई वॉलेट में 48 से 72 घंटे तक रहती है। तुरंत शिकायत पर उसे ब्लॉक करवाकर वापस दिलाया जा सकता है। शिकायत में देरी से परेशानी होती है। क्राइम ब्रांच में कार्ड ब्लॉक की 100 से ज्यादा शिकायतें आई, लेकिन 1 जनवरी से 30 अक्टूबर तक 34 मामले में लोगों को राशि वापस दिलाई जा सकी।