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सावधान: कहीं आप भी तो जाल में नहीं फंस रहे

locationइंदौरPublished: Dec 06, 2022 05:33:55 pm

Submitted by:

Sanjay Rajak

बेटे को डॉक्टर बनाने की चाहत में पिता को कर 18 लाख रुपए की चपत लग गई। दो माह तक ठगोरा परिवार को नामी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगता रहा और परिवार भी बेटे के डॉक्टर बनने का सपना बुनता रहा। लाखों रुपए गवांने के बाद परिवार को जब पता चला कि ठगी का शिकार हो गए, तो पैर से जमीन खिसक गई। अब परिजन पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे है, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई।

सावधान: कहीं आप भी तो जाल में नहीं फंस रहे

सावधान: कहीं आप भी तो जाल में नहीं फंस रहे

संजय रजक@पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

पूरा मामला किशनगंज थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी कॉलोनी का। पिता मनोज अग्रवाल ने बताया कि बेटे के नीट क्लीयर होने के बाद मेडिकल कॉलेज सर्च कर रहे थे। इसी बीच मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नेत्रा कंसल्टेंसी के बारे में सोशल मीडिया से पता चला। कंसल्टेंसी के संदीप कुमार गुप्ता निवासी मुंबई से बात हुई। जिसके बाद 1 अक्टूबर को संदीप कुमार गुप्ता मिलने के लिए किशनगंज स्थित घर आया। यहां एडमिशन की पूरी प्रक्रिया बताई। बताया कि नासिक के बसंत राव पंवार मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल जाएगा। इसके लिए कॉलेज फीस और होस्टल फीस के 10 रुपए और डोनेशन के 18 लाख रुपए लगेंगे। 19 अक्टूबर को फीस और होस्टल के 10 लाख रुपए का कॉलेज नाम डीडी लेकर नासिक पहुंचे। यहां संदीप ने डीडी लिया और कॉलेज परिसर से लाकर एक रसीद दे दी। इसी शाम को बतौर डोनेशन संदीप ने अपने खाते में ऑनलाइन 4 लाख रुपए ट्रांसफर करवाएं और 6 लाख रुपए का चेक लिया। 21 अक्टूबर को संदीप ने चेक भी क्लियर करवा लिया।
एडमिशन की आस में देते रहे रुपए

25 अक्टूबर को संदीप द्वारा एडमिशन के लिए दबाव डालते हुए 1 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। संदीप ने बताया कि 28 अक्टूबर तक लिस्ट में नाम आ जाएगा। जब नाम नहीं आया तो संदीप ने कहा कि लिस्ट लेट हो रही है, कॉलेज की ओर से 4 लाख रुपए बतौर डोनेशन अलग से मांगा जा रहा है। नंवबर के पहले सप्ताह में 50 हजार और फिर 3 लाख 50 हजार रुपए का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया। इसके बाद संदीप ने कुरियर से रिपोर्टिंग लेटर भेजा। संदीप के कहने पर 15 नवंबर को नासिक स्थित कॉलेज आए। संदीप ने फोन पर बात करते हुए कहा कि कॉलेज की फीस बढ़ गई है, 3 लाख रुपए और लगेंगे। हम मजबूर थे, इसलिए ऑनलाइन टं्राजेक्शन कर दिया। इसके बाद संदीप ने अपना फोन बंद कर लिया।
फर्जी निकाला रिपोर्टिंग लेटर

संदीप का फोन बंद आने पर हम जब कॉलेज में रिपोर्टिंग लेटर लेकर आए, तो कॉलेज प्रबंधन की ओर से बताया गया कि यह लेटर कॉलेज की ओर से जारी नहीं किया गया है, यह फर्जी है। इसके बाद जब प्रबंधन को पूरी कहानी बताई तो प्रबंधन ने कहा कि इस की ठगी के ओर लोग भी शिकार हो चुके है।
पुलिस के लगा रहे चक्कर

16 नंवबर को पूरे मामले के दस्तोवज लेकर किशनगंज थाने में प्रकरण दर्ज कराने के लिए तो वहां से शिकायती लेटर लेकर पुलिस ने रवाना कर दिया। कई बार थाने के चक्कर लगाने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो हम एएसपी शशिकांत कनकने से मिलने गए। लेकिन वहां भी निराशा हाथ लगी।
सारे सबूत फिर भी कार्रवाई नहीं

अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास संदीप का मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, फोटो सहित सभी लेन-देन की जानकारी है, बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है।

वर्जन
– आपसे में मेरे संज्ञान में मामला आया है। मामले की जांच करवाएंगे।
भगवत सिंह विरदे, एसपी, ग्रामीण

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