क्राइम ब्रांच की साइबर हेल्पलाइन पर हर दिन 7-8 शिकायतें केवायसी अपडेट के नाम से ठगी की आ रही है। ऑनलाइन ठगों का यह सबसे पुराना पैतरा है, लगातार जागरुकता के बाद भी लोग अब भी शिकार हो रहे है। पुलिस के पास शिकायत तो जाती है लेकिन आरोपी पकड़े नहीं जाते और वे लगातार ठगी करते रहते है।
बैंकों का इस समय ज्यादा ध्यान इसका फायदा उठा रहे ठगोरे
बैंक व अन्य एजेंसी आमतौर पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति व नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक व फाइनेंस एजेंसी ग्राहकों के केवायसी अपडेट करने की मुहिम चलाती है, ग्राहकों से संपर्क करती है। इस कारण से ही लोग बैंक का मैसेज समझकर झांसे आ जाते है।
बैंक व अन्य एजेंसी आमतौर पर वित्तीय वर्ष की समाप्ति व नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक व फाइनेंस एजेंसी ग्राहकों के केवायसी अपडेट करने की मुहिम चलाती है, ग्राहकों से संपर्क करती है। इस कारण से ही लोग बैंक का मैसेज समझकर झांसे आ जाते है।
बैंक से लीक हुआ डेटा
सिमरोल के किसान संजयसिंह बैंक की सूचना पर अपना केवायसी अपडेट कराने सीधे बैंक की शाखा में पहुंचे। वहां दस्तावेज देकर आ गए। अगले दिन बैंक के नाम से केवायसी अपडेट करने का मैसेज आया तो किसान को लगा कि बैंक से मैसेज आया है। ऑनलाइन लिंक क्लीक करने के बाद ओटीपी आया तो वह भी दे दिया, एक लाख रुपए कटे तो पता चला कि फ्रॉड हुआ है। आशंका है कि बैंक से डेटा लीक हुआ। क्राइम ब्रांच के निमिष अग्रवाल का कहना है, बैंक से डेटा लीक होने की पूरी आशंका है, हालांंकि त्वरित कार्रवाई से 90 हजार वापस मिल गए।
सिमरोल के किसान संजयसिंह बैंक की सूचना पर अपना केवायसी अपडेट कराने सीधे बैंक की शाखा में पहुंचे। वहां दस्तावेज देकर आ गए। अगले दिन बैंक के नाम से केवायसी अपडेट करने का मैसेज आया तो किसान को लगा कि बैंक से मैसेज आया है। ऑनलाइन लिंक क्लीक करने के बाद ओटीपी आया तो वह भी दे दिया, एक लाख रुपए कटे तो पता चला कि फ्रॉड हुआ है। आशंका है कि बैंक से डेटा लीक हुआ। क्राइम ब्रांच के निमिष अग्रवाल का कहना है, बैंक से डेटा लीक होने की पूरी आशंका है, हालांंकि त्वरित कार्रवाई से 90 हजार वापस मिल गए।
रिक्शा की किस्त का पैसा चला गया
ऑटो रिक्शा चालक सुरेश ने जनसुनवाई में ठगी की शिकायत की। उसे केवायसी अपडेट का बैंक का नाम से मैसेेज आया तो विश्वास कर कथित अधिकारी से बात कर ली और खाते से 29 हजार चले गए। रिक्शा की किस्त का पैसा ठगोरे ले उड़े जो वापस भी नहीं मिला।
ऑटो रिक्शा चालक सुरेश ने जनसुनवाई में ठगी की शिकायत की। उसे केवायसी अपडेट का बैंक का नाम से मैसेेज आया तो विश्वास कर कथित अधिकारी से बात कर ली और खाते से 29 हजार चले गए। रिक्शा की किस्त का पैसा ठगोरे ले उड़े जो वापस भी नहीं मिला।
साइबर अपराध फैक्ट
- 2022 में क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन पर 23 अप्रैल तक आ चुकी 2000 शिकायतें
- हर दिन केवायसी अपडेट के नाम ठगी की 10 शिकायतें
- करीब 1 करोड़ 3 लाख ठगी की राशि वापस दिला चुकी पुलिस
- साइबर सेल में 2021 में 80 केस दर्ज हुए, 357 शिकायतें आई।
- 2022 में क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन पर 23 अप्रैल तक आ चुकी 2000 शिकायतें
- हर दिन केवायसी अपडेट के नाम ठगी की 10 शिकायतें
- करीब 1 करोड़ 3 लाख ठगी की राशि वापस दिला चुकी पुलिस
- साइबर सेल में 2021 में 80 केस दर्ज हुए, 357 शिकायतें आई।
फोन, मैैसेज, लिंक पर विश्वास न करें साइबर सेल के एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में सबसे ज्यादा केवायसी फ्रॉड की होती है। किसी व्यक्ति को फोन, मैसेज अथवा लिंक से केवायसी अपडेट करने का कहा जाए तो वह बिलकुल विश्वास न करें। संबंधित बैंक अथवा एजेंसी में व्यक्तिगत जाकर मिलकर आगे प्रक्रिया करें।