सोशल मीडिया पर मैसेज भेजने में रखें सावधानी, हर हरकत पर पुलिस की है नजर
इंदौरPublished: Jun 26, 2022 01:40:23 am
जियो टैगिंग और सोशल मीडिया एनालिटिकल टूल की ले रहे मदद
सोशल मीडिया पर मैसेज भेजने में रखें सावधानी, हर हरकत पर पुलिस की है नजर
इंदौर. ट्विटर, फेसबुक, वाॅट्सऐप सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज करने में सतर्कता बरतें और गलत संदेश प्रसारित न करें। क्योंकि, देश-विदेश के मैसेज को पुलिस हाईटेक तरीके से ट्रेस कर रही है। इंटेलीजेंस और आसूचना विभाग सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर सक्रिय रहने वालों पर लगातार नजर रख रहा है। किसी प्लेटफाॅर्म पर मैसेज कितनी बार फाॅरवर्ड हुआ, उसे भी ट्रेस कर रहे हैं। इसके लिए जियो टैगिंग की मदद ली जा रही है।
इंटेजीजेंस और आसूचना विभाग इस काम में थाने की सीआइ सेल यानी खुफिया सेल की भी मदद ले रहा है। डीसीपी (इंटेलीजेंस और आसूचना) रजत सकलेचा के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर मैसेज हैशटैग कर चलते हैं। कौन सा मैसेज देश के किस हिस्से या विदेश से आ रहा है, इसे फिल्टर करने के लिए जियो टैगिंग करते हैं। यानी साॅफ्टवेयर की मदद से मैप में शहर को चिन्हित करते हैं। शहर को लेकर चलने मैसेज पर अलग से नजर रखी जाती है। जैसे हैशटैग भारत बंद इन इंदौर। इसमें शहर के थानों में पदस्थ खुफिया सेल भी मल्टीपल मैसेज संकलित करती है। पता लगाते हैं कि मैसेज कहां से चला और उसे कौन फाॅरवर्ड कर रहा है। ऐसी गतिविधियों का सॉफ्टवेयर से एनालिसिस करते हैं।
ऐसे काम करता है सोशल मीडिया एनालिटिकल टूल
– डाटा माइनिंग के लिए टीम लगाई है, जो सोशल मीडिया से इनपुट निकालती है।
– जिस सिस्टम से नजर रखते हैं, उसमें इंदौर सीमा की फेंसिंग कर फेसबुक टूल, ट्विटर टूल का इस्तेमाल करते हैं।
– ये टूल अधिक वायरल होने वाले मैसेज को छांटता रहता है।
– टूल से पता चलता है कि इंटरनेशनल वीडियो, मैसेज को लगातार कौन फाॅरवर्ड कर रहा है। उस पर नजर रखी जाती है।
– कोई मैसेज फाॅरवर्डेड मैनी टाइम नाम से दिखता है तो पता लगाते हैं कि यह मैसेज कहां से शुरू हुआ और उस पर कौन कमेंट कर रहा है।
(डीसीपी रजत सकलेचा के मुताबिक)
150 लोगों की टीम करती है काम
डीसीपी ने बताया, जैसे ही अग्निवीर योजना का विरोध करने वाले मल्हारगंज क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस फोर्स वहां तैनात हो गई। इससे विरोध बेअसर हो गया। ये मल्टीपल मैसेज को फिल्टर करने से पता चला। सीआइ सेल में तैनात 100 पुलिसकर्मी, इंटेलीजेंस एवं आसूचना विभाग के 8 और डीएसबी की 30 सहित कुल 150 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम हर गतिविधि पर नजर रख रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से मिली लिंक का स्क्रीन शॉट लेकर जांच में शामिल करते हैं। कई बार मैसेज पर कमेंट करने वाले से संपर्क किया जाता है। जब दोषी पकड़ा जाता है तो सोशल मीडिया पर उसके पकड़े जाने संबंधी मैसेज भी वायरल करते हैं।
विशेष साॅफ्टवेयर से कनेक्ट होंगे एक हजार कैमरे
डीसीपी का कहना है कि शहर में एक हजार कैमरों से पुलिस मॉनीटरिंग कर रही है। 650 कैमरे पुलिस तो 350 कैमरे ट्रैफिक पुलिस के पास हैं। इन कैमरों को जल्द विशेष साॅफ्टवेयर से कनेक्ट किया जाएगा, जो भीड़ एकत्रित होने पर टीम को रेड टैग कर मैसेज भेजेंगे।