इंटेजीजेंस और आसूचना विभाग इस काम में थाने की सीआइ सेल यानी खुफिया सेल की भी मदद ले रहा है। डीसीपी (इंटेलीजेंस और आसूचना) रजत सकलेचा के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज हैशटैग कर चलते हैं। कौन सा मैसेज देश के किस हिस्से या विदेश से आ रहा है, इसे फिल्टर करने के लिए जियो टैगिंग करते हैं। यानी सॉफ्टवेयर की मदद से मैप में शहर को चिन्हित करते हैं। शहर को लेकर चलने मैसेज पर अलग से नजर रखी जाती है। जैसे हैशटैग भारत बंद इन इंदौर। इसमें शहर के थानों में पदस्थ खुफिया सेल भी मल्टीपल मैसेज संकलित करती है। पता लगाते हैं कि मैसेज कहां से चला और उसे कौन फॉरवर्ड कर रहा है। ऐसी गतिविधियों का सॉफ्टवेयर से एनालिसिस करते हैं।
विशेष सॉफ्टवेयर से कनेक्ट होंगे एक हजार कैमरे
-डीसीपी सकलेचा का कहना है कि शहर में एक हजार कैमरों से पुलिस मॉनीटरिंग कर रही है। 650 कैमरे पुलिस तो 350 कैमरे ट्रैफिक पुलिस के पास हैं। इन कैमरों को जल्द विशेष सॉफ्टवेयर से कनेक्ट किया जाएगा, जो भीड़ एकत्रित होने पर टीम को रेड टैग कर मैसेज भेजेंगे।
ऐसे काम करता है सोशल मीडिया एनालिटिकल टूल
-डाटा माइनिंग के लिए टीम लगाई है, जो सोशल मीडिया से इनपुट निकालती है।
जिस सिस्टम से नजर रखते हैं, उसमें इंदौर सीमा की फेंसिंग कर फेसबुक टूल, ट्िवटर टूल का इस्तेमाल करते हैं।
ये टूल अधिक वायरल होने वाले मैसेज को छांटता रहता है।
टूल से पता चलता है कि इंटरनेशनल वीडियो, मैसेज को लगातार कौन फॉरवर्ड कर रहा है। उस पर नजर रखी जाती है।
कोई मैसेज फॉरवर्डेड मैनी टाइम नाम से दिखता है तो पता लगाते हैं कि यह मैसेज कहां से शुरू हुआ और उस पर कौन कमेंट कर रहा है।
(डीसीपी रजत सकलेचाके मुताबिक)
150 लोगों की टीम करती है काम
सकलेचा ने बताया, जैसे ही अग्निवीर योजना का विरोध करने वाले मल्हारगंज क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस वहां तैनात हो गई। इससे विरोध बेअसर हो गया। ये मल्टीपल मैसेज को फिल्टर करने से पता चला। सीआइ सेल में तैनात 100 पुलिसकर्मी, इंटेलीजेंस एवं आसूचना विभाग के 8 और डीएसबी की 30 सहित कुल 150 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम हर गतिविधि पर नजर रख रही है। कई बार मैसेज पर कमेंट करने वाले से संपर्क किया जाता है।