प्लैंक एरोबिक्स
दर्द से मुक्ति और अच्छी बॉडी पाने के लिए साइड प्लैंक एक्सरसाइज असरदार होती है। इस व्यायाम से शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभाव पड़ता है। इससे न सिर्फ फैट बर्न होता है, बल्कि दर्द से भी
मुक्ति मिलती है। साइड प्लैंक से कंधे, सीने और पेड़ की मासपेशियां भी मजबूत होती हैं।
यह इन हिस्सों को स्ट्रेच करके मजबूत करने और चर्बी जलाने के लिए
किया जाता है।
दर्द से मुक्ति और अच्छी बॉडी पाने के लिए साइड प्लैंक एक्सरसाइज असरदार होती है। इस व्यायाम से शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभाव पड़ता है। इससे न सिर्फ फैट बर्न होता है, बल्कि दर्द से भी
मुक्ति मिलती है। साइड प्लैंक से कंधे, सीने और पेड़ की मासपेशियां भी मजबूत होती हैं।
यह इन हिस्सों को स्ट्रेच करके मजबूत करने और चर्बी जलाने के लिए
किया जाता है।
प्लाई एक्सरसाइज
एक्सरसाइज स्क्वैट्स की तरह है। इस व्यायाम से जांघों और नितम्ब एरिया में अगर दर्द हो तो उससे मुक्ति मिलती है और चर्बी कम होती है। हालांकि यह व्यायाम शुरुआत में किसी ट्रेनर से सीख कर ही करना चाहिए। क्षमता का ध्यान रखें। तैराकी शरीर के सभी अंगों के लिए अच्छी मानी जाती है। इससे हमारी हड्डियां भी मजबूत बनती हैं और शरीर का दर्द भी दूर होता है। खासतौर पर कमर, पीठ व घुटने के दर्द से परेशान लोगों के लिए यह असरदार व सुरक्षित व्यायाम है। इसमें चोटिल होने की आशंका नहीं होती।
एक्सरसाइज स्क्वैट्स की तरह है। इस व्यायाम से जांघों और नितम्ब एरिया में अगर दर्द हो तो उससे मुक्ति मिलती है और चर्बी कम होती है। हालांकि यह व्यायाम शुरुआत में किसी ट्रेनर से सीख कर ही करना चाहिए। क्षमता का ध्यान रखें। तैराकी शरीर के सभी अंगों के लिए अच्छी मानी जाती है। इससे हमारी हड्डियां भी मजबूत बनती हैं और शरीर का दर्द भी दूर होता है। खासतौर पर कमर, पीठ व घुटने के दर्द से परेशान लोगों के लिए यह असरदार व सुरक्षित व्यायाम है। इसमें चोटिल होने की आशंका नहीं होती।
योगासन
कौन से योगासन करना बेहतर होगा, यह प्रभावित हिस्से के दर्द पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर सर्पासन, पश्चिमोत्तानासन, अर्धचक्रासन, शलभासन, पवनमुक्तासन, पादहस्तासन, वीरभद्रासन, धनुरासन, सेतु बंध आसन, त्रिकोण आसन, उष्टाासन, मकर अधोमुख, उत्तानपादासन, भुजंगासन, हस्तपादासन, सुप्तासन, सुखासन आदि योगासन करने से कई तरह के दर्द से मुक्ति मिलती हैं। यह आसन जोड़ों के लचीलेपन को बनाए रखते हैं। कंधों का तनाव कम होता है। यह कलाई, भुजाओं और टांगों को मजबूत करते हैं और साथ ही हमारे कमर दर्द के लिए भी बहुत लाभकारी हैं।
ध्यान भी है लाभदायक
कई मरीजों को किन्हीं परिस्थितियों में असहनीय दर्द होता है। शरीर के विभिन्न केन्द्रों पर ध्यान केंद्रित करके गहरे सांस लेने व छोडऩे का अभ्यास दर्द में भी राहत देता है। प्रेक्षा ध्यान, सुदर्शन क्रिया, गहरे सांसों पर
ध्यान फोकस करना अच्छा माना जाता है। ध्यान के दौरान व्यक्ति पूरे शरीर में चेतना को घुमाते हुए
कुछ देर दर्द के स्थान पर ध्यान को फोकस करता है। इस तरह रक्त संचार बेहतर होता है
और प्रभावित हिस्से में ऊर्जा का
संचार होता है।
कौन से योगासन करना बेहतर होगा, यह प्रभावित हिस्से के दर्द पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर सर्पासन, पश्चिमोत्तानासन, अर्धचक्रासन, शलभासन, पवनमुक्तासन, पादहस्तासन, वीरभद्रासन, धनुरासन, सेतु बंध आसन, त्रिकोण आसन, उष्टाासन, मकर अधोमुख, उत्तानपादासन, भुजंगासन, हस्तपादासन, सुप्तासन, सुखासन आदि योगासन करने से कई तरह के दर्द से मुक्ति मिलती हैं। यह आसन जोड़ों के लचीलेपन को बनाए रखते हैं। कंधों का तनाव कम होता है। यह कलाई, भुजाओं और टांगों को मजबूत करते हैं और साथ ही हमारे कमर दर्द के लिए भी बहुत लाभकारी हैं।
ध्यान भी है लाभदायक
कई मरीजों को किन्हीं परिस्थितियों में असहनीय दर्द होता है। शरीर के विभिन्न केन्द्रों पर ध्यान केंद्रित करके गहरे सांस लेने व छोडऩे का अभ्यास दर्द में भी राहत देता है। प्रेक्षा ध्यान, सुदर्शन क्रिया, गहरे सांसों पर
ध्यान फोकस करना अच्छा माना जाता है। ध्यान के दौरान व्यक्ति पूरे शरीर में चेतना को घुमाते हुए
कुछ देर दर्द के स्थान पर ध्यान को फोकस करता है। इस तरह रक्त संचार बेहतर होता है
और प्रभावित हिस्से में ऊर्जा का
संचार होता है।