विधानसभा का सत्र 5 मार्च से शुरू होगा, जो बजट को लेकर है। सत्र के शुरू होने से पहले भाजपा-कांग्रेस विधायकों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। इसके चलते इंदौर शहर की पांच नंबर विधानसभा से भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने मास्टर प्लान-2021 में प्रस्तावित आरई-2 रोड पर निगम द्वारा वसूल किए जा रहे बेटरमेंट टैक्स को लेकर प्रश्न पूछा है। उन्होंने मामले को विधानसभा में उठाने के लिए निगम से पूछा कि क्या यह सही है कि इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में आरई-2 रोड का निर्माण किया जा रहा है। क्या यह सही है कि नगर निगम इंदौर इस पर बेटरमेंट टैक्स ले रहा है। यदि हां तो बताएं कि उक्त आरई-2 रोड का लाभ शहर के सभी नागरिकों को मिलेगा या सिर्फ आरई-2 रोड के आसपास की कॉलोनियों के रहवासी ही उठाएंगे। यदि यह शहर हित में बनाई जा रही है तो आरई-2 की आसपास की कॉलोनी के रहवासियों से बेटरमेंट टैक्स क्यों लिया जा रहा है? क्या इंदौर शहर में पूर्व में जितनी भी मेजर रोड बनाई गई है, उन सभी रोड के आसपास के रहवासियों से बेटरमेंट टैक्स वसूला जा रहा है। यदि नहीं तो सिर्फ आरई-2 के आसपास के रहवासियों से क्यों वसूलने की योजना बनाई गई है । जनहित में इस चार्ज को निरस्त कब किया जाएगा। इस सवाल का जवाब तैयार में निगम के अफसर जुट गए हैं।
अभी तक वसूले 95 लाख रुपए आरई-2 रोड का निर्माण भूरी टेकरी से नेमावर रोड होते हुए नायता मुंडला स्थित नए आरटीओ ऑफिस तक होगा। यह सडक़ 4.5 किलोमीटर लंबी और 45 मीटर यानी 150 फीट चौड़ी बनेगी। इसकी निर्माण लागत करीब 42 करोड़ रुपए है। पहले चरण में 24 मीटर तक सीमेंट कांक्रीट किया जाएगा। इस पर लगभग 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आरई-2 रोड पर आने वाली सभी संपत्तियों के मालिकों से बेटरमेंट टैक्स वसूलने को लेकर निगम राजस्व विभाग ने 3 हजार नोटिस दिए हैं। इसमें से 500 से ज्यादा लोगों ने 95 लाख रुपए जमा करा दिए हैं बाकी बचे लोगों को अंतिम नोटिस तामील कराए जा रहे हैं ताकि बेटरमेंट टैक्स 31 मार्च तक पूरा वसूल हो जाए। निगम इस रोड की सीमा से दोनों तरफ 3 स्टेज में अलग-अलग प्रतिशत में बेटरमेंट टैक्स वसूल कर रहा है। सडक़ सीमा से दोनों तरफ पहले 45 मीटर तक 5 प्रतिशत, इसके बाद 90 मीटर तक 3 प्रतिशत और बचे हुए हिस्से में 2 प्रतिशत के हिसाब से बेटरमेंट टैक्स वसूल किया जा रहा है।
600 बाधक निर्माण हटाने के आदेश जारी आरई-2 का सीमांकन और डिटेल सर्वे पूरा होने के बाद बाधक निर्माण चिह्नित हो गए हैं। इसमें 6 बस्तियों के 600 परिवार और अन्य 50 मकान बाधित हैं, जिन्हें हटाने के आदेश निगमायुक्त ने जारी कर दिए हैं।