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बेटी कुहू ने किया भय्यू महाराज का अस्थि संचय, महेश्वर में की प्रवाहित

locationइंदौरPublished: Jun 14, 2018 06:03:43 pm

बेटी कुहू ने किया भय्यू महाराज का अस्थि संचय, महेश्वर में की प्रवाहित

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बेटी कुहू ने किया भय्यू महाराज का अस्थि संचय, आज महेश्वर में होंगी प्रवाहित

इंदौर. बेटी कुहू ने आज सुबह सयाजी मुक्तिधाम में स्वर्गीय भय्यू महाराज की अस्थि संचय प्रक्रिया पूरी की। भय्यू महाराज की अस्थियां आज महेश्वर में प्रवाहित की गई। अब कुछ अस्थियां देश की सभी प्रमुख नदियों में 10 दिन के बाद प्रवाहित की जाएंगी। मुक्तिधाम में कुहू के साथ भय्यू महाराज के परिवार के परिजन और खास सलाहकार और कुछ अनुयायी मौजूद थे।
भय्यू महाराज ने मंगलवार को सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके इस कदम के पीछे पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है जिसमें वह बेटी कुहू और दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी के झगड़ों से तंग आ चुके थे। अपने सुसाइड नोट में भी उन्होंने इस बात का जिक्र करते हुए लिखा है कि वे अब तंग आ चुके हैं और परिवार की जिम्मेदारियां संभालने के लिए अब किसी और को भी होना चाहिए। वे परेशान हैं और अब जा रहे हैं।
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दो जगह बनेगी समाधी
भय्यू महाराज की समाधी दो जगह बनाई जाएगी। एक समाधी उनके पैत्रक निवास पर बनाई जाएगी जो शुजालपुर में है और दूसरी समाधी उनके इंदौर स्थित आश्रम में बनाई जाएगी। वहीं दाह संस्कार के स्थान पर बने अस्थाई चबूतरे की ईंटें भय्यू महाराज के सभी आश्रमों में लगाई जाएंगी।
विनायक को सौंप गए पूरी संपत्ति की जिम्मेदारी
भय्यू महाराज ने सुसाइड नोट में विनायक दुधाड़े को परिवार, ट्रस्ट, संपत्ति सहित सभी जिम्मेदारी सौंपी है। भय्यू महाराज की अंतिम यात्रा वाले दिन पुलिस सुबह से विनायक की मॉनिटरिंग करती रही। विनायक की पल-पल की फोटो ली जा रही थी।
भय्यू महाराज के विनायक पर भरोसे को लेकर खासी चर्चा रही। विनायक पीछे रहकर लोगों की नजरों से बचता दिखाई दिया। दरअसल, महाराज के हर कार्य का वही राजदार रहा। आत्महत्या से पहले महाराज ने उसे फोन पर जल्दी आने का कहा था। पत्रिका से चर्चा में उसने इतना ही कहा, गुरुजी चले गए, कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करूं।
16 साल की उम्र से महाराज के पास
भय्यू महाराज विनायक को १६ की उम्र में महाराष्ट्र के गरीब परिवार से अपने साथ लाए थे। 20 साल से महाराज से जुड़े विनायक ने उनके पिता की खूब सेवा की। वह नंदा नगर रोड नंबर 8 में किराए के मकान में रहता था। बाद में उसने सुखलिया में मकान खरीदा। वह महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी से हमेशा दूरी बनाकर रखता था।
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