बड़ा खुलासा : भय्यू महाराज से इन लोगों ने दवाओं के नशे में पहले ही लिखवा लिया था सुसाइड नोट
बड़ा खुलासा : भय्यू महाराज से इन लोगों ने दवाओं के नशे में पहले ही लिखवा लिया था सुसाइड नोट
इंदौर. भय्यू महाराज की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में सेवादार विनायक, पलक देशमुख व शरद देशमुख के खिलाफ चालान पेश कर दिया। पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने पहले पैसा हड़पा, फिर संपत्ति हड़पने व ट्रस्ट पर कब्जे के लिए गोलियों का ओवरडोज देकर नशे की स्थिति में सुसाइड नोट लिखवा लिया। इसके बाद बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देने लगे, जिसके कारण भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर खुद को गोली मार ली।
सीएसपी सुरेंद्रसिंह तोमर के मुताबिक, भय्यू महाराज से सुसाइड नोट पहले ही लिखवा लिया था। जांच के दौरान बहन व पत्नी आयुषी ने आरोप लगाया कि बीमारी की आड़ में महाराज को जबरन गोलियां खिलाई जा रही थीं। भय्यू महाराज के आसपास विनायक व शरद ही रहते थे और वे गोलियां खिलाकर उन्हें अपने कब्जे में रखते थे। पत्नी ने आपत्ति ली तो गोलियों को रैपर से निकालकर पॉलिथीन में रखा, ताकि किसी को पता न चले। विनायक के पास से भय्यू महाराज के कई ब्लैंक चेक मिले हैं, पुलिस का दावा है कि ये चेक कोर्ट में ब्लैक मेलिंग साबित करने में महत्वपूर्ण होंगे।
दवाओं से दिमाग पर नहीं रहता है काबू विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भी माना कि जिस तरह की दवाइयां भय्यू महाराज को दी जा रही थी, उनका असर दिमाग पर होता है। ज्यादा गोली खिलाकर व्यक्ति को नशे में लाया जा सकता है। ऐसे में उनसे कुछ भी लिखवाया जा सकता है। विनायक व शरद ने पहले पलक का इस्तेमाल किया। संबंध बनने के बाद उन्हें ब्लैकमेल कर पैसा लूटते रहे। आरोपियों को लगा कि वे कभी भी मर सकते है इसलिए विनायक को जिम्मेदारी देने वाला सुसाइड नोट लिखवा लिया।
सुसाइड नोट में सबकुछ किया था विनायक के हवाले सुसाइड नोट में लिखा था, मैं तनाव में हूं और तंग आ गया हूं। एक पेज पर तनाव की बात लिखी तो दूसरे पर विनायक पर विश्वास की बात। महाराज ने लिखा था, मुझे विनायक पर विश्वास है इसलिए उसे फाइनेंस, प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट की साइनिंग अथॉरिटी की जिम्मेदारी दे रहा हूं। आत्महत्या के बाद पहले दिन सुसाइड नोट का एक हिस्सा सामने आया था, जिसमें महाराज ने तनाव के कारण परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। हालांकि पुलिस पहले सामान्य आत्महत्या मान रही थी। वसूली के मामले में पूर्व ड्रायवर कैलाश को पकड़ा तो उसने ब्लैकमेलिंग का खुलासा कर जांच की दिशा बदल दी।
ये है मामले में कुछ अहम तथ्य – पलक के जरिए भय्यू महाराज को ब्लैकमेल किया जा रहा था। उसी के जरिए महाराज को बलात्कार के केस में फंसाने व बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी।
– दाती महाराज पर केस दर्ज होने का समाचार बताकर भी भय्यू महाराज को परेशान किया। – पुलिस ने पत्नी, बहन, बेटी के साथ ही करीब 15 लोगों के बयान केस में दर्ज किए हैं। सभी ने विनायक, शरद व पलक की मिलीभगत को उजागर किया। पैसा वसूलने और बाद में काफी पैसा हड़पने के भी बयान दिए।
– पुलिस को जांच में मोबाइल की आपत्तिजनक चेटिंग मिली। जिस वीडियो अथवा आडियो रिकार्डिंग के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, उसे रिकवर करने के लिए मोबाइल साइबर लैब भेजे है, जिसकी रिपोर्ट जल्द मिलेगी।
– पुलिस ने विनायक के कब्जे से भय्यू महाराज के हस्ताक्षर किए हुए कोरे चेक भी बरामद किए जिन्हें ब्लैक मेलिंग का महत्पूर्ण सबूत माना जा रहा है। – परिवार ने विनायक पर करोड़ों रुपए हड़पने का आरोप भी लगाया, हालांकि इस संबंध में पुलिस को पुख्ता जानकारी हाथ नहीं लगी।
कुहू के कमरे में खुदकुशी की थी 12 जून 2018 को भय्यू महाराज ने सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर सिर में गोली मारकर बेटी कुहू के कमरे में आत्महत्या की थी। दूसरे कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट मिला था, जिसमें महाराज ने विनायक को सभी जवाबदारी दे दी थी। परिवार ने शंका जाहिर करते हुए जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि भय्यू महाराज हर पेज पर हस्ताक्षर करते थे, जो इसमें नहीं थे। दूसरे कमरे में सुसाइट नोट मिलना भी शंका पैदा करता था।