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पहली बार सामने आई भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी, किए ऐसे-ऐसे चौंकाने वाले नए खुलासे

locationइंदौरPublished: Mar 20, 2019 11:01:02 am

शरद सरगना, पैसों पर था विनायक का दबदबा, पलक देती थी बेटी को मारने की धमकी

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पहली बार सामने आई भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी, किए ऐसे-ऐसे चौंकाने वाले नए खुलासे

प्रमोद मिश्रा @ इंदौर. राष्ट्र संत कहे जाने वाले भय्यू महाराज उर्फ उदयसिंह देशमुख की आत्महत्या के मामले में सोमवार को चालान पेश हुआ। पहले बेटी कुहू और दूसरी पत्नी आयुषी के बीच विवाद को आत्महत्या का कारण प्रचारित किया गया लेकिन बाद में पुलिस ने साफ किया कि 18 साल से सेवादार की भूमिका निभा रहा विनायक दुधाले, सेवादार शरद देशमुख व पलक पुराणिक ने महाराज को इतना परेशान किया कि महाराज के पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचा। सेवादार जानते थे, महाराज कुछ भी कर सकते हैं इसलिए विनायक को उत्तराधिकारी बताने के लिए महाराज से पहले ही सुसाइड नोट लिखा लिया था।
यह अहम खुलासे चालान पेश होने के बाद भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी ने किए हैं। आयुषी पहली बार सामने आई हैं और सिर्फ पत्रिका से चर्चा कर महाराज की आत्महत्या और उससे जुड़े पूरे घटनाक्रम को साझा किया। आयुषी बोलीं, शरद पूरी साजिश का सरगना है, जबकि पैसों पर विनायक का दबदबा था। पलक तो हमारी एक साल की बेटी को मारने की धमकी देती थी। ज्ञात रहे 12 जून 2018 को भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने धारा 306, 384 और 120 बी के तहत विनायक, शरद व पलक पर केस दर्ज किया है। आइए आयुषी की जुबानी ही सुनते हैं साजिश की दास्तां….
भय्यू महाराज के लाखों अनुयायी थे, जिन्हें वह बोले तो उठते और बैठते थे लेकिन घर में कुछ अलग ही माहौल था। यहां शरद की मर्जी चलती, उसके खिलाफ गुरुजी अपनी मां के कमरे में भी नहीं जाते थे। विनायक हमेशा साए की तरह साथ रहता, मुझे पति से मिलने के लिए कई बार विनायक की अनुमति का इंतजार करना होता था। शंका तब हुई जब गुरुजी मेरे साथ कुछ दिनों के लिए बाहर गए तो उनकी अलग पर्सनॉलिटी निकलकर आई। क्रिकेट खेलना, घूमना, गाना गाना…. पूरी जिंदादिली दिखाते थे। जैसे ही घर आते तो पलंग पकड़ लेते। मुझे आश्चर्य लगता। धीरे-धीरे समझ आया कि गुरुजी शरद व विनायक के दबाव में हैं। पलक की एंट्री के बाद उसके जरिए दबाव बना रहे थे। हर महीने ढ़ाई लाख रुपए पलक को जाते। उसकी बहन की शादी में गुरुजी से लाखों खर्च कराए। पैसों के लिए परिवार के लोग घर आ जाते थे। नहीं दो तो जाते नहीं। कई बार हमने सोचा कि उसके माता-पिता को जाकर बात करते हैं, गाडी में बैठते तो शरद उतार लेता, जाने नहीं देता था।
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महाराज के बाद मुझे जिम्मेदार ठहराने की कोशिश

भय्यू महाराज, घर में नजरबंद थे। शरद व विनायक की इच्छा के खिलाफ कुछ नहीं होता था। गुरुजी ने ही बताया था कि किस तरह उन्हें परेशान किया जा रहा है। पलक घर में नहीं होती लेकिन उसकी तरफ से शरद डर दिखाता। जब चाहे जब पलक से फोन पर गुरुजी की बात कराता और वह फंसाने की धमकी देती। गुरुजी ने निराशा में एक बार कहा था, मैंने कोई गलती नहीं की लेकिन मुझे फंसाने की धमकी देे रहे हैं, यह लोग मुझे जीने नहीं देंगे। आखिर हुआ भी यही। महाराज से फ्लैट, कार, ढाई लाख रुपए महीने की मांग की जा रही थी, नहीं देने पर संपत्ति, ट्रस्ट पर कब्जे की साजिश रची। महाराज की मौत के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की।
घर में किया नजरबंद, बेटी को मारने की दी धमकी

गुरुजी की मौत के बाद सवा महीने तक विनायक घर आता-जाता रहा, लेकिन शरद ने आना ही बंद कर दिया था। मौत के तीसरे दिन कई लोगों ने चुप रहने की सलाह दी। शरद ने घर आकर कहा, पलक धमका रही है। उसका केस में नाम लिया तो वह बेटी धारा को नहीं छोड़ेगी, उठवा देगी, मरवा देगी। मैंने अपनी बात पुलिस के सामने रखी और इस बात का संतोष है पुलिस सच्चाई सामने लाई, इसके लिए उनका धन्यवाद। अब जीवन का एक ही लक्ष्य है, बेटियां कुहू व धारा को संभालना और गुरुजी के आदर्श पर ट्रस्ट की गतिविधियों को आगे बढ़ाना।
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