उधर, शासन के आवेदन पर आरोपियों की ओर से आपत्ति ली गई। एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया, कोर्ट के 8 अगस्त के आदेश को अब चुनौती क्यों दी जा रही है। अभियोजन पक्ष जानबूझ कर सुनवाई टालना चाह रहा है। कोर्ट ने दोनों के आवेदन के आधार पर 6 दिसंबर को सुनवाई के आदेश दिए हैं। मामले में पुलिस ने महाराज के सेवक विनायक दुधाले, शरद देशमुख और पलक पुराणिक को आरोपी बनाया है। पुलिस ने 12 जून को महाराज की आत्महत्या के बाद लगातार 6 महीने तक जांच की थी और फिर 18 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन जांच के दौरान लिए गए दर्जनों लोगों के बयान, दस्तावेज सहित अन्य सबूतों की जानकारी कोर्ट में अब तक पेश किए।