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भील जनजाति विवाद : पीएससी पदाधिकारियों पर कार्रवाई पर रोक जारी, शासन ने नहीं दिया जवाब

locationइंदौरPublished: Feb 14, 2020 08:26:15 pm

– अजाक थाने में पीएससी के खिलाफ दर्ज कराई गई है एफआईआर
 

इंदौर. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में भील जनजाति को लेकर आपत्ति जनक गद्यांश शामिल करने के विवाद से जुड़ी दो याचिकाओं पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। अजाक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए एक याचिका पीएससी ने दायर की है, जबकि एक याचिका पीएससी चेयरमैन भास्कर चौबे, तत्कालीन सचिव रेणु पंत और परीक्षा नियंत्रक रवींद्र पंचभाई ने दायर की है। कोर्ट द्वारा इनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने पर लगाई गई रोक जारी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इन तीनों पदाधिकारियों सहित पीएससी सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई करने पर रोक लगाई ती और शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शुक्रवार को शासन की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगते हुए कोर्ट में जानकारी दी है कि याचिकाओं पर बहस करने के लिए महाधिवक्ता इंदौर आएंगे। कोर्ट ने इस पर 3 मार्च को अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं। जवाब के साथ पुलिस को केस डायरी भी अगली सुनवाई में पेश करना होगा। अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद चेयरमैन,तत्कालीन सचिव सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी की आशंका के बीच यह याचिकाएं दायर की गईं थी। जय युवा संगठन के सदस्य रवि बघेल की शिकायत पर पुलिस ने पीएससी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में केस दर्ज किया है। हालांकि एफआईआर में किसी भी पदाधिकारी का नाम शामिल नहीं है। जस्टिस विवेक रूसिया की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में पीएससी ने चूक मानते हुए जांच शुरू कर और नोटिस भी जारी किए गए हैं।

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