ऐतिहासिक पंचकल्याणक के महापात्र का चयन
महापात्रों के लिए लगी बोली
आचार्यश्री के समक्ष न्योछावर कर दी ‘धनलक्ष्मी’, पल में इकट्ठा हो गए 15.60 करोड़ रुपए से ज्यादा
इंदौर. आचार्यश्री विद्यासागर ससंघ के सान्निध्य में चमेलीदेवी पार्क गोयल नगर में होने वाले 13 मंदिरों के पंचकल्याणक के लिए श्रावकों ने गुरु के समक्ष धनलक्ष्मी न्योछावर की। पंचकल्याणक के सभी प्रमुख महापात्रों के लिए 1548 कलश और 1275 श्रीफल (15 करोड़ 60 लाख रुपए ) की बोली लगाई गई।
दयोदय चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में 26 जनवरी से 1 फरवरी तक होने वाले ऐतिहासिक पंचकल्याणक के महापात्र चयन रविवार को तिलक नगर में हुआ। प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया, ब्रह्मचारी सुनील भैयाजी के निर्देशन में पंचकल्याणक में महापात्र बनने के लिए लगाई गई बोली की राशि रेवती गांव में बनने वाली प्रतिभा स्थली और भव्य मंदिर के लिए दी जाएगी। 13 मंदिरों के पंचकल्याणक के लिए विशाल पंडाल तैयार किया जा रहा है, वहीं 13 रथ भी पहली बार होंगे। अभी तक 1750 जोड़ों का नामांकन हो चुका है। विश्व का पहली बार इंदौर में महातीर्थ बनाने के लिए ट्रस्ट में 108 न्यासी बनाए गए हैं। सबसे पहली ध्वजारोहण की बोली गुप्त रखी गई। माता-पिता बनने के लिए 54 आवेदन आए थे, जिनमें संजय मैक्स परिवार का चयन हुआ।
देवों को भी खुशी का अनुभव आचार्यश्री विद्यासागर ने प्रवचन में कहा, महामहोत्सव का आनंद लें। इसमें सभा का संवर्धन तो संभव है, लेकिन कम करना संभव नहीं। अल्प समय में बड़ा काम किया है। आप लोगों के कारण महोत्सव और रचना का बीड़ा उठाया है, वह पुण्यवर्धक है। यह इस युग व काल में आपके कारण संपन्न होने जा रहा है। देवों को भी खुशी का अनुभव हो रहा है। मैंने सोचा भी नहीं था इतना बड़ा कार्यक्रम इंदौर में होगा और मैं भी रहूंगा। पशु-पक्षियों की भी अहिंसा की प्रभावना कर अपना जीवन सार्थक बनाया, आप तो मनुष्य हैं। महापात्रों के लिए लगी बोली
13 पंचकल्याणक में यज्ञ नायक – प्रत्येक 21 कलश (नोट ) एक कलश का मूल्य एक लाख व एक श्रीफल का एक हजार रुपए तय किया है।)