रीयल टाइम चेकिंग: विजयनगर चौराहा से राजमोहल्ला दूरी…8.3 किमी, वक्त…यातायात दबाव से 11 मिनट ज्यादा
– विजयनगर चौराहे से राजमोहल्ला चौराहा जाना है तो गूगल से पता चलता है कि दूरी करीब 8.3 किलोमीटर है। दोपहर एक बजे सर्च करने पर न्यू देवास रोड होते हुए महू नाका चौराहा 28 मिनट पहुंचने का दावा किया जाता है। ट्रैफिक के दबाव के समय शाम 5.30 बजेे यह समय बढ़कर 30 मिनट हो जाता है। ‘पत्रिका टीमÓ ने शाम 5.30 बजे ट्रैफिक के दबाव के दौरान दोपहिया व चार पहिया वाहन से विजयनगर चौराहे से होते हुए महू नाका चौराहे की दूरी को तय किया। विजयनगर से न्यू देवास रोड से भमोरी, आस्था टॉकीज, पाटनीपुरा चौराहा, मालवा मिल चौराहा होकर हाई कोर्ट तिराहा, रीगल तिराहा होकर संजय सेतु से जवाहर मार्ग का रास्ता अपनाया।
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1. भमोरी कट…विजयनगर चौराहे से आगे बढऩे पर पहली बाधा रसोमा फैक्टरी से आगे भमोरी के कट पर है। यहां मैकेनिक नगर से आने वाले वाहन रास्ता रोक देते है। जैसे तैसे आगे बढऩे पर आस्था टॉकीज एक बड़ी बाधा है। यहां एबी रोड व आइटीआइ की ओर से आने वाले वाहन पाटनीपुरा की ओर जाने वाले वाहनों का रास्ता रोक देते है। यहां एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात है लेकिन वह साइड में खड़े होकर मोबाइल पर व्यस्त था और वाहन जैसे तैसे आगे बढ़तेे हैं।
3. लैंटर्न चौराहा…यहां से आगे सड़क अच्छी है, लेकिन कुछ मीटर आगे जाने पर हाईकोर्ट तिराहा और फिर रीगल तिराहा के ट्रैफिक सिग्नल रोक देते है। यहां जद्दोजहद के बाद आगे बढ़े तो आबकारी कंट्रोल रूम चौराहे का सिग्नल भी रोक देता है। यहां एक किलोमीटर इलाके में तीन सिग्नल है।
रीयल टाइम चेकिंग: नंदलालपुरा से जवाहर मार्ग दूरी…2 किलोमीटर का सफर, वक्त 120 सेकंड सिग्नल पर जाया
– संजय सेतु से निकलकर जवाहर मार्ग से आगे जाने पर बड़ी परेशानी है। नंदलालपुरा से जवाहर मार्ग पर दबाव के दौरान की परेशानी सामने आ गई। नंदलालपुरा के ट्रैफिक सिग्नल पर 80 सेकंड व यशवंत रोड चौराहे के सिग्नल पर 120 सेकंड रुकना पड़ा। यशवंत रोड चौराहे के पहले आड़ा बाजार का क्रॉसिंग वाहनों की गति को रोक लेता है। चौराहे पर पुलिस बल तैनात है लेकिन चालानी कार्रवाई मेें व्यस्त। चौराहे से आगे बढ़ों तो बर्तन बाजार क्रॉसिंग पहला अडंगा है। इसके बाद बांबे बाजार और वैष्णव स्कूल को मोड़। इसके पहले नरसिंह बाजार व मालगंज चौराहा भी गति को रोक देते है।
ट्रैफिक सिग्नलों की अधिकता रोकती है पहिया, अंडर पास ही विकल्प – शहर के किसी भी मार्ग से तय समय पर यात्रा करना तो संभव ही नहीं है। किसी भी रूट पर चले जाओ, ट्रैफिक सिग्नल की अधिकता होने से रास्ता रुक जाता है। क्रॉसिंग पर व्यवस्थाएं नहीं होना और समय बढ़ा देती है। सिग्नल के कारण वाहनों को ज्यादा समय खड़ा रहना पड़ता है। समय बर्बाद होता है, प्रदूषण भी बढ़ता है। थोड़ी थोड़ी दूर के सिग्नल को कम करना होगा, महानगरों की तरह अंडर पास बनाकर वाहनों को सुगमता से निकाला जा सकता है। लोगोंं का समय और ईंधन का खर्च दोनों कम होगा।
प्रफुल्ल जोशी, ट्रैफिक एक्सपर्ट