सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अभिषेक शर्मा ने इंदौर में बर्वे को संयोजक घोषित कर दिया। शर्मा को पता चला तो वे खुलकर सामने आ गए। अपनी पोस्ट में पहले तो बर्वे को बधाई दी। फिर लिखा- मेरे घर के दरवाजे से लगा उसका परिवार था। मैं पार्षद लड़ा तब हर्ष,उसके पिता गोपाल, दादा विश्वनाथ बर्वे घोर कांग्रेसी थे। भाजपा की मिट्टी पलीत करने में जुटे थे। उन्होंने गौरव रणदिवे पर सवाल खड़े करते हुए कहा- क्या सारी भाजपा ऐसी बना देंगे? दूसरी पोस्ट में लिखा- अनुशासित हूं, गुलाम नहीं। गौरव बाबू, ऐसे तो आपको इंदौर भाजपा चलाने नहीं देंगे। पूर्व में कांग्रेस से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम कांग्रेस सरकार में लाठियां झेलते रहे हैं।
पोस्ट पर हुई तीखी क्रिया-प्रतिक्रिया इन पोस्टों पर जमकर क्रिया-प्रतिक्रिया चल रही है। विशाल शर्मा नामक शख्स ने शर्मा की बात का समर्थन किया। उन्होंने तो यहां तक कहा कि कांग्रेस से आया मंत्री आज भाजपा सरकार में इंदौर का सबसे मजबूत नेता बन गया। कुल मिला के आलाकमान की नजर में इंदौर के भाजपा नेता सिर्फ भोजन-भंडारा, रामश्याम कथा, चुनरी यात्रा कराने योग्य हैं। शर्मा की पोस्ट पर वकील अरुण पेंडसे ने तीखी प्रतिक्रिया की। कहना था कि उमेश शर्मा आपको नगर अध्यक्ष के पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। हम अनुशासित हैं, यह बात हमारे आचरण से पता चलती है। हमारा आचरण सर्वप्रथम राष्ट्र, पंडित दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी की नीति और संस्कार पर आधारित है। संगठन के फैसले का स्वागत करिए और स्वीकार कीजिए। सभी को संतुष्ट रखना आसान नहीं। अच्छा होता है तो कोई कुछ नहीं कहता और बुरा होता है तो लोग तो भगवान से भी असंतुष्ट रहते हैं।
लिखूंगा तो देवास से इंदौर जितना शर्मा ने आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा को भी घेरने का प्रयास किया। कहना था कि फिलहाल लिख नहीं रहा हूं, इसका मतलब ये नहीं कि कभी लिखूंगा नहीं। लिखूंगा तो ३२ किलोमीटर लंबा देवास से इंदौर जितना। इधर, भाजपा हलकों में शर्मा की प्रतिक्रिया को लेकर नाराजगी है। कहना है कि वे प्रदेश प्रव?ता जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इस मुद्दे पर प्रदेश संगठन उन्हें तलब भी कर सकता है।
कुछ देर पहले ही की थी जमकर तारीफ
कल शाम को प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए एक पोस्ट डाली थी। कहना था कि नगराध्यक्ष का विनयशील स्वभाव, कार्यकर्ताओं से विशेषकर मंडलाध्यक्षों से आत्मीय और प्रेमपूर्ण संवाद, प्रशासनिक अधिकारियों पर उनकी धाक और भय, वरिष्ठजनों से उनका बेहतरीन तालमेल, निर्णयों में सामूहिकता का भाव उन्हें एक आदर्श अभिभावक सिद्ध करता है। 9 मई 2020 को सर्वस्मति और रायशुमारी के आधार पर इंदौर नगराध्यक्ष के रूप में वे मनोनीत किए गए थे। नगर इकाई का गठन अभी तक नहीं हो पाने के कारण भिन्न हैं। इससे नगराध्यक्ष की योग्यता पर प्रश्न नहीं खड़ा किया जा सकता। वे एक अत्यंत विनयशील, मृदुभाषी और निरंतर कार्यकर्ताओं व उनके परिवार में प्रवास करने वाले सर्वस्पर्शी, सम्मोहक व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके नेतृत्व में काम करने से मुझ जैसे असंख्य कार्यकर्ता प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं।
कल शाम को प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए एक पोस्ट डाली थी। कहना था कि नगराध्यक्ष का विनयशील स्वभाव, कार्यकर्ताओं से विशेषकर मंडलाध्यक्षों से आत्मीय और प्रेमपूर्ण संवाद, प्रशासनिक अधिकारियों पर उनकी धाक और भय, वरिष्ठजनों से उनका बेहतरीन तालमेल, निर्णयों में सामूहिकता का भाव उन्हें एक आदर्श अभिभावक सिद्ध करता है। 9 मई 2020 को सर्वस्मति और रायशुमारी के आधार पर इंदौर नगराध्यक्ष के रूप में वे मनोनीत किए गए थे। नगर इकाई का गठन अभी तक नहीं हो पाने के कारण भिन्न हैं। इससे नगराध्यक्ष की योग्यता पर प्रश्न नहीं खड़ा किया जा सकता। वे एक अत्यंत विनयशील, मृदुभाषी और निरंतर कार्यकर्ताओं व उनके परिवार में प्रवास करने वाले सर्वस्पर्शी, सम्मोहक व्यक्तित्व के धनी हैं। उनके नेतृत्व में काम करने से मुझ जैसे असंख्य कार्यकर्ता प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं।