दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी रोके जाने के लाख निर्देश दिए गए, लेकिन इसके बाद भी जिले की मतदाता सूची में पात्र मतदाताओं के नाम बगैर किसी जांच पड़ताल के सूची से बाहर कर दिए गए। सबसे अधिक नाम मुस्लिम क्षेत्र से काटे गए। द्वितीय पुनरीक्षण के दौरान अधिकांश नाम सूची से काटे गए। जिन मतदाताओं के नाम सूची से काटे गए, उन्हें किसी भी प्रकार से सूचना नहीं मिली। जबकि आयोग द्वारा बीएलओ को घर घर जांच किए जाने के स्पष्ट निर्देश थे। इसके बाद भी बड़ी संख्या में नामों को सूची से हटाया गया। खजराना क्षेत्र से कार्यकर्ताओं ने जब इस बात की पड़ताल की तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। नगर निगम २१५ में हुए चुनाव में वार्ड 38 और 39 में जो कॉलोनियां शामिल थीं और इनमें रहने वाले मतदाताओं ने चुनाव में मतदान भी किया था, लेकिन साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सूची से कॉलोनी ही गायब हो गई। मतदाता मतदान के वंचित हो गए। इनमें मुख्य रूप से गरीब नवाज कालोनी, खान कम्पाउंड, गोसिया नगर, पटेल नगर, वारसी कम्पाउंड, खुदाबख्श, न्यू खिजराबाद आदि शामिल हैं।
– निगम चुनाव 2015 में वार्ड 38-39 में जो कॉलोनियों शामिल थी, उनके विधानसभा 2018 चुनाव की सूची में नाम ही नहीं हैं। खजराना क्षेत्र से ही पांच हजार मतदाताओं के नाम काटे गए।
सैयद वाहिद अली, कांग्रेस नेता