ड्राइवर संजय नरगावे गाड़ी एक तरफ खड़ी कर स्टेपनी बदलने की कोशिश कर रहा था तबी झाडिय़ों में से दो लोग आए और कहने लगे कि गांजा बेच रहा है क्या? गाड़ी में बैठे लेखराज ने विरोध किया। इतने में झाडिय़ों से सात और लोग निकलकर आएं, जिनके हाथ में पत्थर, लट्ठ व धारदार हथियार थे। उन्होंने लेखराज के छोटे भाई कौशल दुबे और महिलाओं से मारपीट की। ड्राइवर का भी गला दबाकर कहने लगे कि सारे कहने, रुपए निकाल दो,। नहीं तो खत्म कर देंगे। इसके बाद लेखराज, कौशल, नानी शीलादेवी, मौसी, अनीता शर्मा, मां कुसुम दुबे, पत्नी अन्नू, साले नीतीश शर्मा से पर्स, चेन, दो मंगलसूत्र, एक जोड़ पायजब, जो जोड़ झुमके और 35 हजार रुपए नकद लूट लिए।
लेखराज ने बताया पत्नी और मौसी एक बार पुलिस-पुलिस चिल्लाई तो लुटेरे भाग गए, लेकिन कोई नहीं आया तो 10 मिनट बाद लौट आए। घटनाक्रम 45 मिनट तक चला। लुटेरे आदिवासी वेशभूषा में थे। वहीं कार चालक संजय ने बताया कि पुलिस की पीसीआर वैन 200 मीटर दूर खड़ी थी। मैं मौका मिलते ही दौडक़र वहां पहुंचा और पुलिस को बुलाकर लाया, तक तक लुटेरे भाग चुके थे।
बदमाशों ने गाड़ी के टायर पक्ंचर किए थे,लेकिन लूट नहीं हुई। शिकायत की जांच कर रहे हैं।
-यशवंत योगी, एसआई, पीथमपुर थाना
इस घटना की जांच के लिए टीम लगा दी गई है। कुछ लोगों को पकडक़र पूछताछ की जा रही है।
-आदित्य प्रताप सिंह, एसपी, धार