यह जानकारी प्लाइवुड एंड लैमिनेट्स व्यापारी एसोसिएशन की साधारण सभा में जीएसटी विशेषज्ञों ने दी। सीए सुनील पी. जैन ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले ने ई-इनवाइस नहीं बनाया तो माना जाएगा कि वह अपना माल बिना बिल के बेच रहा है। कारोबारी पर जीएसटी कानून की धारा-122 के तहत पेनल्टी के प्रावधान किए गए हैं। साथ में क्रेता का आइटीसी भी अस्वीकृत हो जाएगा। कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश बाफना, सचिव सुमित लाठी सहित कारोबारी मौजूद थे।
किरायेदार को चुकाना होगा जीएसटी
सीए जैन ने बताया कि कई और बदलाव पर अमल करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर भविष्य में आर्थिक नुकसान होगा। 18 जुलाई से ट्रांसपोर्ट की संपूर्ण राशि पर जीएसटी का दायित्व लागू किया गया है। देर से प्राप्त भुगतान पर मिलने वाले ब्याज पर भी जीएसटी रहेगा। अगर रजिस्टर्ड करदाता द्वारा रहवासी संपत्ति ली जा रही है तो उसे रिवर्स चार्ज के तहत 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। इस मौके पर कारोबारियों ने भी कई विषयों पर बात की। विशेषज्ञों ने जीएसटी के प्रावधानों के बारे में उन्हें जानकारी देते हुए दस्तावेजों को दुरूस्त रखने को कहा। साधारण सभा में इस बात पर जोर दिया गया कि समय पर जीएसटी का भुगतान किया जाए, ताकि कारोबारियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
किरायेदार को चुकाना होगा जीएसटी
सीए जैन ने बताया कि कई और बदलाव पर अमल करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर भविष्य में आर्थिक नुकसान होगा। 18 जुलाई से ट्रांसपोर्ट की संपूर्ण राशि पर जीएसटी का दायित्व लागू किया गया है। देर से प्राप्त भुगतान पर मिलने वाले ब्याज पर भी जीएसटी रहेगा। अगर रजिस्टर्ड करदाता द्वारा रहवासी संपत्ति ली जा रही है तो उसे रिवर्स चार्ज के तहत 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। इस मौके पर कारोबारियों ने भी कई विषयों पर बात की। विशेषज्ञों ने जीएसटी के प्रावधानों के बारे में उन्हें जानकारी देते हुए दस्तावेजों को दुरूस्त रखने को कहा। साधारण सभा में इस बात पर जोर दिया गया कि समय पर जीएसटी का भुगतान किया जाए, ताकि कारोबारियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।