संस्थान के प्रदेश महासचिव के के झा ने बताया कि चुनावी आचार संहिता लगने के कारण शहर में सभी छठ के घाटों को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखा जाएगा और किसी भी राजनितिक दलों के लोगों एवं नेताओं को मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए छठ घाटों का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। इस वर्ष भी विजय नगर, स्कीम नं 78, देवास नाका, तुलसी नगर, अमृत पैलेस, निपानिया, बाणगंगा , सुखलिया, श्याम नगर, पीपल्याराव तालाब, कालानी नगर, सिलिकॉन सिटी, सूर्य मन्दिर, आरआर केट, पीपल्याहाना, संगम नगर, राऊ, महू सहित ८० स्थानों पर छठ महापर्व मनाया जाएगा।
11 नवंबर को नहाय खाय झा ने बताया कि 4 दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 11 नवंबर को नहाय खाय से होगी। 12 नवंबर को खरना का होगा। १3 नवंबर को छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य देंगे। छठ महापर्व की पूर्णाहुति 14 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद होगी। आज से शहर भर में फैले विभिन्न कृत्रिम छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू कर दी गई है।
नहीं होती सुनवाई झा ने बताया कि शहर में उनकी इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद भी, शहर के जनप्रतिनिधि उनकी रेल से संबंधित विभिन्न मांगों की अनदेखा करते रहे हैं तथा सालों से इंदौर-दरभंगा, इंदौर-भागलपुर ट्रेनों की मांग करने के बावजूद भी रेल मंत्रालय ने उनकी मांगों को अब तक नहीं मानी है।