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इतिहास पढ़ाने वालों को डंडों से सबक सिखाने पहुंचे भाजपाई

locationइंदौरPublished: May 10, 2018 09:52:43 am

इतिहास पढ़ाने वालों को डंडों से सबक सिखाने पहुंचे भाजपाई

davv controversy
इंदौर. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर शुरू हुआ बवाल इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय तक पहुंच गया है। मंगलवार को कांग्रेस ने विवि में जिन्ना और विनायक दामोदर सावरकर का इतिहास पढ़ाने की मांग करते हुए हंगामा किया था। बुधवार को भाजपा कार्यकर्ता डंडे लेकर विवि पहुंचे। उन्होंने कहा, जिन्ना की तारीफ हुई तो किसी को नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस के अनूप शुक्ला, विवेक खंडेलवाल, सरफराज अंसारी और गिरीश जोशी ने मंगलवार को विवि पहुंचकर कहा था कि जिन्ना और सावरकर दो राष्ट्रों के हिमायती थे।
दोनों का इतिहास छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए। कुलपति प्रो.नरेंद्र धाकड़ ने विवि परिसर में बाहरी लोगों के इस व्यवहार पर आपत्ति जताई। इस पर कांग्रेस कार्यकर्ता भडक़ गए। सावरकर का नाम लेने पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राजेश शिरोडक़र सहित 50 कार्यकर्ताओं ने विवि में प्रदर्शन किया। शिरोडक़र ने कहा, विवि तो दूर कांग्रेसियों ने इंदौर में कहीं भी जिन्ना पर कार्यक्रम की सोची तो हम उनके घर पर पाकिस्तानी झंडा लगाएंगे।
नहीं कर रहे कोई कार्यक्रम
मोर्चा के प्रदर्शन के बीच कुलपति प्रो. धाकड़ कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे। कुलपति ने कहा, यूनिवर्सिटी का काम अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार देना है। हम जिन्ना या अन्य किसी व्यक्ति विशेष को लेकर कोई कार्यक्रम नहीं करने जा रहे। शिरोडक़र ने कुलपति से कहा, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और किसी के दबाव में आकर जिन्ना पर कार्यक्रम कराने की आवश्यकता नहीं है।
कुलपति से हुई कांग्रेसियों की बहस
कुलपति और कांग्रेस नेताओं के बीच में कल जमकर बहस हुई। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि हमको यूटीडी जाकर सीधे बच्चों से रूबरू होने की अनुमति दी जाए। कुलपति धाकड़ ने कहा कि हमारे पास इतिहास पढ़ाने के लिए अच्छे टीचर हैं, इस लिए बाहरी को अनुमति नहीं दे सकते है। इस पर कांग्रेस नेताओं का आरोप लगा कि यूनिवसिटी में भगवाकरण हो रहा है। यह सूनकर कुलपति नाराज हुए और बोले कि कैम्पस राजनीति का अखाड़ा नहीं बन सकता।
हो सकता है बवाल
कांग्रेस नेताओं के वीरसावरकर व जिन्ना पर सेमिनाकर करने की बात करने पर भाजपाई भी सामने आ गए है। ऐसी संभावनाए भी है कि दोनों गुट आमने सामने हो जाए। ऐसी परिस्थिति बनती है तो विश्वविद्यालय परिसर में एक बार फिर पुलिस को एंट्री करना होगी।

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