6 जुलाई को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि से भाजपा ने संगठन चुनाव का आगाज करते हुए सदस्यता अभियान की शुरुआत कर दी। इंदौर भाजपा का लक्ष्य है कि वह ढाई लाख नए सदस्य बनाए और पुराने सात लाख सदस्यों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए। इसको लेकर पार्टी ने मंडल स्तर पर मूल संगठन, पार्षद, मोर्चा प्रकोष्ठों को काम पर लगा रखा है।
सभी को आंकड़ों की जवाबदारी सौंप रखी है तो नगर अध्यक्ष गोपी नेमा, अभियान प्रभारी कमल वाघेला व नानूराम कुमावत नियमित समीक्षा भी कर रहे हैं। भाजपा के बड़े राजनीतिक अभियान के बीच अब कांग्रेस भी मैदान पकडऩे जा रही है। उसका भी सदस्यता अभियान शुरू होने जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस ने सभी शहर व जिला अध्यक्षों को मुहिम चलाने का संदेश जारी कर दिया है। वहीं शुक्रवार को प्रदेश स्तर की एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें सभी को रसीद कट्टे सौंपे जाएंगे। शहर के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव भी मुहिम की महत्ता को अच्छे से समझते हैं, इसलिए दोनों ही नेता पूरी ताकत से काम पर जुटने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्हें मालूम है कि संगठन में चुनाव की नौबत आ गई तो जिसके पास ज्यादा से ज्यादा सक्रिय सदस्य है उसे फिर से मौका दिया जाएगा। हालांकि बाकलीवाल की पहली पसंद आईडीए है, लेकिन कभी दांव नहीं लगता है तो शहर अध्यक्ष का पद ही भला।
सूची की होगी तफ्तीश
गौरतलब है कि कांग्रेस भी अब सामान्य सदस्य व सक्रिय सदस्यों की ब्लॉक व जिलावार कम्प्यूटराइज्ड सूची तैयार करेगी। उसमें नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर प्रमुखता से होगा। इस बार फर्जी सदस्यता करने वाले नेता पकड़ में आ जाएंगे। प्रदेश संगठन जिलों से आने वाले सूची में से किसी को भी फोन लगाकर बात कर सकता है। ऐसे में गड़बड़ी पाई जाने पर सक्रिय सदस्यता निरस्त कर दी जाएगी। संगठन पदाधिकारी वही बनेगा जो सक्रिय सदस्य होगा। इसी प्रकार सहकारी पद भी सक्रिय को ही मिलेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस भी अब सामान्य सदस्य व सक्रिय सदस्यों की ब्लॉक व जिलावार कम्प्यूटराइज्ड सूची तैयार करेगी। उसमें नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर प्रमुखता से होगा। इस बार फर्जी सदस्यता करने वाले नेता पकड़ में आ जाएंगे। प्रदेश संगठन जिलों से आने वाले सूची में से किसी को भी फोन लगाकर बात कर सकता है। ऐसे में गड़बड़ी पाई जाने पर सक्रिय सदस्यता निरस्त कर दी जाएगी। संगठन पदाधिकारी वही बनेगा जो सक्रिय सदस्य होगा। इसी प्रकार सहकारी पद भी सक्रिय को ही मिलेगा।