१९८३ के बाद ये ऐसा लोकसभा का चुनाव है, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय ने कोई भूमिका नहीं निभाई। २००८ तक तो वे दो नंबर विधानसभा के विधायक थे, उसके बाद महू के विधायक के साथ मंत्री भी रहे, जिसकी वजह से इंदौर के चुनाव में उनका खासा हस्तक्षेप रहा।
इंदौरPublished: May 20, 2019 10:55:51 am
Mohit Panchal
इंदौर लोकसभा सीट से दूरी बनाने पर खड़े हुए सवाल, वोट डालने के बाद भी नहीं घूमें कहीं
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