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इंदौर

चुनाव के दौरान निष्क्रिय रहे ‘अपनों’ की संगठन से शिकायत करेगी टीम शंकर

– राष्ट्रीय महासचिव के भी इंदौर प्लान किए गए थे रोड शो पर नहीं आए
– मेंदोला ने भी आखिरी समय में छोड़ दिया था साथ, मालिनी ने भी की औपचारिकता
 

इंदौरMay 21, 2019 / 09:31 pm

विकास मिश्रा

BJP

चुनाव के दौरान निष्क्रिय रहे ‘अपनों’ की संगठन से शिकायत करेगी टीम शंकर

– नगर अध्यक्ष सहित पूर्व विधायकों से नहीं मिला अपेक्षा अनुरुप सहयोग

इंदौर
एक्जिट पोल में एनडीए के पक्ष में आए रूझान और मतदान के बाद बूथ पर लगे कार्यकर्ताओं सहित संघ की गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर शंकर लालवानी जीत सुनिश्चित मान रही उनकी टीम पार्टी की उन दिग्गज नेताओं की शिकायत करने की तैयारी कर रही है जिन्होंने चुनाव में अपेक्षित काम नहीं किया है। इंदौर सीट से टिकट की घोषणा से लेकर मतदान तक शहर के कई दिग्गज नेताओं ने शंकर के लिए पूरी ताकत के साथ काम नहीं किया। इसकी शिकायत बीच चुनाव में भी लालवानी ने संगठन मंत्री रामलाल से की थी और उन्हें इंदौर आकर विधायकों और पूर्व विधायकों को पूरी ताकत से काम करने की हिदातयत थी। रामलाल की सख्ती के बावजूद कई नेताओं ने काम नहीं किया। वोंटिंग के दिन भी शहर के विधायक और पूर्व विधायक सहित कई नेता मैदान में नहीं थे, दोपहर करीब दो बजे तक धीमा मतदान होने के बाद संभागीय संगठन मंत्री जयपाल सिंह चावड़ा को सभी को फोन लगाकर मैदान संभालने का कहना पड़ा। मतदान के दिन तक तो शंकर लालवानी के करीब इस मुद्दे पर शांत थे लेकिन अब वे खुलकर मदद नहीं करने वालों के खिलाफ बोल रहे हैं। दिग्गदों के मदद नहीं करने आखरी के १५ दिनों में शंकर ने अपनी व्यक्तिगत टीम मैदान में उतारनी पड़ी, इसके अलाव उनके नगर अध्यक्ष कार्यकाल के पुराने नेताओं ने भी मोर्चा संभाला।
दो नंबरी टीम रही नदारद
विधायक रमेश मेंदोला को पार्टी ने लोकसभा प्रभारी बनाया था, लेकिन शंकर के लोगों का कहना है टिकट होने के बाद से ही उन्होंने सक्रीयता कम कर ली थी। उनके अलावा विधानसभा दो के पार्षद और नेता भी सक्रीय नहीं रहे। उनके क्षेत्र में जनसंपर्क की कमान भी लालवानी के करीबियों की ही संभालनी पड़ी। पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर ग्रामीण क्षेत्रों में दो रोड शो प्लान किए थे, लेकिन वे नहीं आए। बंगाल चुनाव का प्रचार खत्म होने के बावजूद आखिरी के दो दिनों में उन्होंने इंदौर में कई काम नहीं किया।
चार नंबर ने भी साथ छोड़ा

महापौर और विधायक मालिनी गौड़ का भी शंकर को पूरा साथ नहीं मिला। प्रचार के आखिरी दिन शिवराज सिंह चौहान के रोड शो में जरूरर उनकी टीम ने सक्रीय रही बाकी दिनों में औपचारिकता करने की बात शंकर के करीबी कह रहे हैं। मतदान के दिन भाजपा के गढ़ में ही कई जगह भाजपा की टेबलें बूथ के आसपास नहीं दिखी। इसके अलावा नगर अध्यक्ष गोपी नेमा के प्रयासों से शंकर संतुष्ट नहीं है। करीबियों के सामने वे नाराजगी जता चुके है। इसके अलावा टिकट के दावेदार भंवरसिंह शेखावत, कृष्णमुरारी मौघे के अलावा जीतू जिराती, राजेश सोनकर, विधायक आकाश विजयवर्गीय, और सुदर्शन गुप्ता ने शंकर के लिए कुछ खास काम नहीं किया।
सत्तन, बाबा और सावन ने की मदद

ताई के टिकट का खुलकर विरोध करने वाले सत्यनारायण सत्तन, विधायक महेंद्र हार्डिया, उषा ठाकुर, सांवेर के सावन सोनकर, राऊ से दिनेश मल्हार, घनश्याम शेर, प्रेम पटेल, मनोज पटेल, मुकेश राजावात, वैभव शुक्ला, बबलू शर्मा और कमल शर्मा सहित शंकर की पुरानी टीम पूरे चुनाव में सक्रीय रही। इसके अलावा उनकी व्यक्तिगत टीम में शामिल सतीश शर्मा, कपिल जैन, विशाल गिदवानी, संकल्प वर्मा, परिक्षित तिवारी और रितेश पाटनी ने जमीनी काम संभाला।
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