2013 के विधानसभा चुनाव में इंदौर जिले की नौ विधानसभा में से भाजपा ने सिर्फ राऊ को छोड़कर आठ पर जीत दर्ज कराई थी। यहां से कांग्रेस से जीतू पटवारी विधायक बने। इसके पीछे भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी भी थी जिसके कारण पूर्व विधायक जीतू जिराती को नुकसान हुआ। इस बार नजारा बदला हुआ है।
राऊ भाजपा के सारे धु्रव एक जाजम पर हैं। पूर्व विधायक जिराती, मधु वर्मा और रवि रावलिया की तिकड़ी साथ हो गई है। ग्रामीण की प्रभारी जिला पंचायत अध्यक्ष कविता पाटीदार के नेतृत्व में यात्रा नेमावर रोड पहुंची थी जिसकी शुरुआत दुधिया से हुई। पंचायत भवन व सवा करोड़ रुपए की नल-जल योजना का भूमिपूजन किया गया।
वहां से टीम बढिय़ा कीमा पहुंची जहां पर सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया गया। धमनाय में सड़क तो सोनवाय में नल-जल योजना का लोकार्पण किया गया। मुंडला दोस्तदार में धर्मशाला का भूमि पूजन हुआ। उमरिया खुर्द में हितग्राही सम्मेलन हुआ। पूरे दौरे में भाजपाइयों ने पटवारी पर जमकर निशाना साधा। योजनाबद्ध तरीके से सभी आयोजनों में सरपंच से तीन साल के काम का हिसाब रखवाया गया।
उसके बाद सरकार की योजनाओं की जानकारी देकर काम गिनाए। आखिर में सवाल किया गया कि हम तो सरकार और हमारे यहां के जनप्रतिनिधि के कामों का हिसाब देने आए हैं। जरा क्षेत्र के विधायक (पटवारी) से भी पूछ लिया जाए कि उन्होंने आपके लिए क्या किया? साढ़े चार साल में कौन सा विकास कराया, कौन सी आपकी समस्या हल कराई? हर साल विधायक को निधि मिलती है उन्होंने आपके गांव में खर्च नहीं की तो कहां लगाई जरा हिसाब तो लिया जाए…ये कायदा बनता है।
किसान आंदोलन को लेकर बात रखी
विकास यात्रा में पहुंचे पूर्व विधायक जिराती ने किसान आंदोलन को लेकर बात रखी। कहना था कि पिछले साल मेरे गांव के कुछ शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया था। किसानों की सब्जी फेंकने व दूध ढोलने के अलावा तोडफ़ोड़ व आगजनी भी की गई। अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए मेरे शांति प्रिय गांव को बदनाम कर दिया। उनकी गंदी राजनीति की वजह से आज सब गांव वालों को नीचा देखना पड़ता है। इशारों ही इशारों में उन्होंने विधायक पटवारी और उनके परिवार पर जमकर कटाक्ष किया।
विकास यात्रा में पहुंचे पूर्व विधायक जिराती ने किसान आंदोलन को लेकर बात रखी। कहना था कि पिछले साल मेरे गांव के कुछ शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया था। किसानों की सब्जी फेंकने व दूध ढोलने के अलावा तोडफ़ोड़ व आगजनी भी की गई। अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए मेरे शांति प्रिय गांव को बदनाम कर दिया। उनकी गंदी राजनीति की वजह से आज सब गांव वालों को नीचा देखना पड़ता है। इशारों ही इशारों में उन्होंने विधायक पटवारी और उनके परिवार पर जमकर कटाक्ष किया।
विधायक को बताना
विकास यात्रा जब बडिय़ा कीमा पहुंची तो मजेदार किस्सा हो गया। ओम साईं विहार के रहवासी पहुंच गए। शिकायत करना शुरू कर दी कि हमारी कॉलोनी में अब तक विधायक ने कुछ नहीं करवाया। जनप्रतिनिधि हो तो काम करना चाहिए… ध्यान देना चाहिए? इस पर रावलिया ने बोल दिया कि हमारी पार्टी का विधायक नहीं है। वे आएं तो समस्या उन्हें बताई जाए। कुछ समस्या है तो हमें बताएं, हमारे सरपंच विजेंद्र जाट हैं, वे हल करने का प्रयास करेंगे।
विकास यात्रा जब बडिय़ा कीमा पहुंची तो मजेदार किस्सा हो गया। ओम साईं विहार के रहवासी पहुंच गए। शिकायत करना शुरू कर दी कि हमारी कॉलोनी में अब तक विधायक ने कुछ नहीं करवाया। जनप्रतिनिधि हो तो काम करना चाहिए… ध्यान देना चाहिए? इस पर रावलिया ने बोल दिया कि हमारी पार्टी का विधायक नहीं है। वे आएं तो समस्या उन्हें बताई जाए। कुछ समस्या है तो हमें बताएं, हमारे सरपंच विजेंद्र जाट हैं, वे हल करने का प्रयास करेंगे।